अमेरिका को महंगाई से बड़ी राहत मिली है. मई में अमेरिका में रिटेल महंगाई दर 4% रही है, जो कि मार्च 2021 के बाद से सबसे कम है. ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के मुताबिक फेड की आज आने वाली पॉलिसी से पहले महंगाई के मोर्चे पर मिली इस राहत का फायदा ब्याज दरों पर रोक के रूप में दिख सकता है.
दो दिन की बैठक के बाद अब फेड के अधिकारी इस बात पर राहत की सांस ले सकते हैं कि महंगाई के आंकड़े उनके अनुमानों के मुताबिक आए हैं. हालांकि वो तब यही कहेंगे कि महंगाई अब भी उनके 2% के लक्ष्य से ज्यादा है, फिर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में लगातार 10 बढ़ोतरियों के बाद इस बार इसका पॉज बटन तो दबा ही सकता है, क्योंकि उसकी कोशिशें बिल्कुल सही दिशा में हैं.
हैरिस फाइनेंशियल के जैमी कॉक्स का कहना है कि दरों पर रोक लगाने के लिए CPI के आंकड़े फेड के लिए सबकुछ हैं, सभी कैटेगरी में डेफ्लेशन या/डिसइंफ्लेशन है. अगर जून में ये ट्रैजेक्टरी रहती है तो आगे और सख्ती की जरूरत नहीं होगी'
'मई के CPI आंकड़े फेड को एक मौका देंगे कि वो जून में बढ़ोतरी को छोड़ सकता है- लेकिन कोर इंफ्लेशन के मोर्चे पर धीमी राहत से इस बात पर जोर डालती है कि इस साल दरों में राहत की उम्मीद कितनी कम है'एना वॉन्ग और जॉनथन चर्च, अर्थशास्त्री
फेड के कई पॉलिसीमेकर्स इस बात की ओर इशारा कर चुके हैं, जिसमें की फेड चेयरमैन जेरोमी पॉवेल भी शामिल हैं, कि जून में वो पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे, लेकिन आगे सख्ती जारी रहेगी, इसका रास्ता भी उन्होंने खुला छोड़ा है.
अभी के लिए ब्लूमबर्ग के इकोनॉमिस्ट्स ये मानकर चल रहे हैं कि आज आने वाली पॉलिसी में दरों में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन जुलाई में जब अगली CPI महंगाई दर आएगी वो काफी निर्णायक होगी और इससे ये तय होगा कि फेड अपनी अगली बैठक में क्या करने वाला है