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लगातार छठी बार US फेड ने नहीं बदली ब्याज दर, पॉवेल ने कहा - 'महंगाई अब भी काबू में नहीं'

FOMC के नोट में कहा गया 'हाल के इंडिकेटर्स बताते हैं कि आर्थिक गतिविधि का ठोस गति से विस्तार जारी है. नौकरियां मिलने की रफ्तार मजबूत है और बेरोजगारी दर कम बनी हुई है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी08:33 AM IST, 02 May 2024NDTV Profit हिंदी
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अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने लगातार छठी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. दो दिनों तक चली फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) की बैठक के बाद सभी सदस्यों ने ब्याज दर को 5.25-5.5% पर ही बरकरार रखने का फैसला किया. हालांकि बाजार फेड रिजर्व के दरों में बदलाव नहीं करने के फैसले को पहले से ही मानकर चल रहा था.

फेड ने क्यों नहीं घटाई ब्याज दर?

FOMC की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कमिटी को ब्याज दरों में अभी कटौती कटौती करना उचित नहीं लगता है, क्योंकि अभी महंगाई दर 2% के ऊपर है. जब हमें ये भरोसा हो जाए कि महंगाई 2% की ओर बढ़ रही है, तब हम कोई फैसला लेंगे. आर्थिक नजरिया अभी अनिश्चित है, और कमिटी महंगाई के जोखिमों को लेकर पहले से ज्यादा चौकस है.'

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले साल जुलाई में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी, जिससे बेंचमार्क रेट 22 वर्षों में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद सितंबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी, मार्च और मई में फेड ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया

FOMC के नोट में कहा गया 'हाल के इंडिकेटर्स बताते हैं कि आर्थिक गतिविधि का ठोस गति से विस्तार जारी है. नौकरियां मिलने की रफ्तार मजबूत है और बेरोजगारी दर कम बनी हुई है. हालांकि पिछले साल महंगाई कम जरूर हुई लेकिन अब भी ऊंची बनी हुई है. हाल के महीनों में, कमिटी के 2% महंगाई लक्ष्य की दिशा में प्रगति थोड़ी कम रही है.'

अपने भाषण में, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि हालांकि अर्थव्यवस्था ने लक्ष्यों की दिशा में काफी अच्छी प्रगति की है, लेकिन महंगाई की दर अब भी ऊंची बनी हुई है और फेड 2% पर लौटने के लिए प्रतिबद्ध है.

'जितना सोचा था, उससे ज्यादा वक्त लगेगा'

पॉवेल ने कहा कि दरों में कटौती करने का आत्मविश्वास हासिल करने में जितना सोचा गया था, उससे ज्यादा वक्त लगेगा. छोटी अवधि में महंगाई का अनुमान बढ़ गया है और फेड हर बैठक में फैसले लेना जारी रखेगा. उन्होंने कहा 'जब फेड कमिटी को ये भरोसा हासिल हो जाएगा तो दरों में कटौती की गुंजाइश होगी, हालांकि मुझे नहीं पता कि ऐसा कब होगा.'

पॉवेल ने कहा कि लेबर मार्केट थोड़ा सख्त है, लेकिन बेहतर संतुलित है. लेबर डिमांड अब भी उपलब्ध वर्कर्स की सप्लाई से ज्यादा है'. फेड चेयरमैन ने कहा दर में कटौती के समय पर फैसला आंकड़ों पर निर्भर करेगा. पॉवेल के मुताबिक, लेबर मार्केट में अप्रत्याशित कमजोरी के कारण कटौती की जरूरत पड़ सकती है और दरें चरम पर हैं या नहीं यह डेटा पर निर्भर करेगा.

क्या फिर से बढ़ेगी ब्याज दर?

पॉवेल ने ये भी जोर देकर कहा कि कमिटी ने वेतन पर प्रगति देखी है, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है. कमिटी को कुछ समय लग सकता है, लेकिन हम महंगाई को 2% पर लाएंगे. महंगाई के मोर्चे पर अनुमान के मुताबिक कामयाबी नहीं मिलने की वजह से अब मार्केट में इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बारे में भी सोच सकता है. इस सवाल के जवाब में पॉवेल ने कहा 'इसकी संभावना नहीं है कि अगली पॉलिसी बैठक में ब्याज दर में बढ़ोतरी होगी.

कब शुरू होगी कटौती?

ब्याज दर में कटौती का सिलसिला कब शुरू होगा, स्थिति अभी साफ नहीं है. लेकिन पॉवेल ने कहा कि ऐसे कई परिदृश्य हैं जो दरों में कटौती शुरू कर सकते हैं, जिसमें एक ऐसा मौका भी शामिल है जिसमें महंगाई फिर से धीमी हो जाती है क्योंकि अर्थव्यवस्था और नौकरी बाजार दोनों मजबूत बने रहते हैं - जैसे कि गोल्डीलॉक्स की स्थिति, जो कि पिछले साल हुई थी.

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