ADVERTISEMENT

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अब नहीं पढ़ पाएंगे विदेशी छात्र, ट्रंप सरकार ने एडमिशन पर लगाया बैन

अमेरिका सरकार का ये फैसला हार्वर्ड के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा, क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के 2.6 बिलियन डॉलर से अधिक के फंड पर रोक लगा रखी है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी08:44 AM IST, 23 May 2025NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

अगर आप अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हार्वर्ड में पढ़ने का सपना देख रहे हैं, तो हकीकत से वाकिफ होने का वक्त आ गया है. अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने पर रोक लगा दी है. अमेरिकी सरकार ने हार्वर्ड के स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) सर्टिफिकेशन को रद्द कर दिया है, इसका मतलब ये है कि हार्वर्ड अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगा.

छात्रों की छिन जाएगी कानूनी वैधता!

अमेरिका की होमलैंड सुरक्षा विभाग ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ट्रांसफर लेना होगा नहीं तो अपनी कानूनी वैधता (Legal Status) खोने के लिए तैयार रहें. एक बयान के मुताबिक, 'हार्वर्ड के नेतृत्व ने अमेरिकी विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों को कई यहूदी छात्रों सहित व्यक्तियों को परेशान करने और शारीरिक रूप से हमला करने की इजाजत देकर पढ़ने लिखने के माहौल में रुकावट डालकर एक असुरक्षित कैम्पस का माहौल बनाया है'.

अमेरिका सरकार का ये फैसला हार्वर्ड के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा, क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के 2.6 बिलियन डॉलर से अधिक के फंड पर रोक लगा रखी है. अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन पर रोक से हार्वर्ड पर वित्तीय दबाव और बढ़ जाएगा. हार्वर्ड को मिलने वाले भविष्य के अनुदानों पर भी रोक है, जो कैंपस में कथित यहूदी-विरोधी गतिविधियों से निपटने और सरकार की अधिक निगरानी की मांग को लेकर बढ़ते विवाद का हिस्सा है.

ट्रम्प ने संस्थान से टैक्स फ्री दर्जा भी छीनने की धमकी दी है, इस पर कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स के स्कूलों ने चेतावनी दी है कि इससे "अमेरिका में उच्च शिक्षा के भविष्य के लिए गंभीर नतीजे होंगे'. हार्वर्ड ने ट्रंप सरकार की इस कार्रवाई को गैर-कानूनी बताते हुए निंदा की है, उनके प्रवक्ता ने कहा 'हम हार्वर्ड की अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विद्वानों की मेजबानी करने की क्षमता को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, जो 140 से अधिक देशों से आते हैं और विश्वविद्यालय और इस राष्ट्र को बहुत समृद्ध करते हैं'. 'हम अपने समुदाय के सदस्यों को मार्गदर्शन और सहायता करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं'.

ट्रंप और हार्वर्ड का टकराव

स्कूल ने फेडरल फंड को रोकने के लिए कई अमेरिकी एजेंसियों पर मुकदमा किया हुआ है, क्योंकि सरकार ने स्कूल से अपने प्रशासन में सुधार करने, एडमिशन और हायरिंग में बदलाव करने, अमेरिकी मूल्यों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने वाले अंतरर्राष्ट्रीय छात्रों को प्रवेश देने से रोकने की मांग की थी.

अप्रैल में होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड से 30 अप्रैल तक विदेशी छात्रों की ओर से की गई किसी भी हिंसक या अवैध गतिविधि का रिकॉर्ड जमा करने की मांग की थी, नहीं तो सरकार के स्टूडेंट वीजा प्रोग्राम के तहत उनका सर्टिफिकेशन तुरंत रद्द कर दिया जाएगा. यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, हार्वर्ड में करीब 6,800 विदेशी छात्र (पूरे स्टूडेंट ग्रुप का 27%) हैं, इनमें भारतीय छात्रों की संख्या 788 है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT