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Trump Tariff: 2 अप्रैल से ऑटो इंपोर्ट पर 25% टैरिफ वसूलेगा अमेरिका, ट्रंप ने दी मंजूरी, कहा- 'ये परमानेंट है, अब कोई बातचीत नहीं'

ऑटो टैरिफ से ट्रेड वॉर को बढ़ावा मिल सकता है. जापान, जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे प्रमुख अमेरिकी ट्रेड पार्टनर देशों के कुछ सबसे बड़े ऑटोमोटिव ब्रैंड्स पर इसका बड़ा व्यापक असर देखने को मिल सकता है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:16 AM IST, 27 Mar 2025NDTV Profit हिंदी
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राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ऑटो इंपोर्ट पर 25% टैरिफ लागू करने के लिए एक घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे अमेरिका में ज्यादा से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग जॉब्स लाई जा सके, लेकिन इसने ट्रेड वॉर की चिंताओं को एक पायदान ऊपर चढ़ा दिया है. अगले हफ्ते से ये टैरिफ लागू हो जाएंगे.

ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में कहा, "हम जो करने जा रहे हैं, वो है अमेरिका में नहीं बनी सभी कारों पर 25% टैरिफ लगाना. हम उन देशों से टैरिफ वसूलेंगे जो हमारे देश में बिजनेस करते हैं और हमारी नौकरियां, हमारी संपत्ति, और कई चीजें वर्षों से छीनते चले आ रहे हैं.'

'ये परमानेंट है, अब कोई मोलभाव नहीं'

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ये टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हो जाएगा और अमेरिका अगले दिन से इसे कलेक्ट करना शुरू कर देगा. व्हाइट हाउस ने कहा कि ये टैरिफ न केवल पूरी तरह से असेंबल की गई कारों पर लागू होगा, बल्कि प्रमुख ऑटोमोबाइल पार्ट्स, जैसे इंजन, ट्रांसमिशन, पावरट्रेन पार्ट्स और इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स पर भी लागू होगा. ये लिस्ट समय के साथ और लंबी भी हो सकती है, जिसमें कुछ और पार्ट्स को भी शामिल किया जा सकता है. ट्रंप ने इन टैरिफ को "स्थायी" बताया और कहा कि वो अब किसी भी तरह की छूट को लेकर बातचीत करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं.

व्हाइट हाउस ने एक फैक्ट शीट में कहा कि जिन इंपोर्टर्स के वाहन USMCA (ट्रंप के पहले कार्यकाल में कनाडा और मैक्सिको के साथ बातचीत की गई व्यापार संधि) के तहत आते हैं, उन्हें अपनी अमेरिकी सामग्री को सर्टिफाई करने का मौका दिया जाएगा और सिस्टम इस तरह लागू किए जाएंगे कि 25% टैरिफ केवल उनकी गैर-अमेरिकी सामग्री की वैल्यू पर लागू होगा.

कई ऑटो पार्ट्स पर भी टैरिफ

व्हाइट हाउस स्टाफ सचिव विल शार्फ ने कहा कि ये टैरिफ पहले से मौजूद टैरिफ के अलावा होंगे, और प्रशासन का अनुमान है कि इससे अमेरिका को 100 बिलियन डॉलर का नया रेवेन्यू हासिल होगा. एक व्हाइट हाउस अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अमेरिकी सरकार उन पार्ट्स के लिए एक योजना लेकर आएगी जो सीमा को कई बार पार करते हैं.

बुधवार को ये फैसला 2 अप्रैल को होने वाली रेसिप्रोकल टैरिफ की और भी व्यापक घोषणा से पहले आया है, ये अन्य देशों के बाधाओं को कम करने और अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश है. ये हालांकि, ट्रंप ने संकेत दिया है कि कुछ ट्रेड पार्टनर्स को संभावित छूट या टैरिफ में कमी मिल सकती है. इसके अलावा, दूसरी कई इंडस्ट्रीज के लिए भी टैरिफ तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें लकड़ी, सेमीकंडक्टर और फार्मास्युटिकल दवाओं पर टैरिफ लगाया जा सकता है. ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि ये अमेरिका का असली मुक्ति दिवस है, और ये 2 अप्रैल को होगा, और मैं इसके लिए उत्सुक हूं'.

ऑटो कंपनियों पर पड़ेगा बड़ा असर

ऑटो टैरिफ से ट्रेड वॉर को बढ़ावा मिल सकता है. जापान, जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे प्रमुख अमेरिकी ट्रेड पार्टनर देशों के कुछ सबसे बड़े ऑटोमोटिव ब्रैंड्स पर इसका बड़ा व्यापक असर देखने को मिल सकता है. ये कदम उत्तरी अमेरिकी ऑटोमेकर्स के कामकाज पर भी असर डालेगा, जो अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा में इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन पर हैं. कई कंपनियों के प्लांट्स इन देशों में ही हैं. जनरल मोटर्स मैक्सिको और कनाडा के प्लांट्स से कुछ शेवरले सिल्वरैडो पिकअप ट्रक इंपोर्ट करता है, जबकि स्टेलैंटिस मैक्सिको में जीप कम्पास SUV सहित कई मॉडल बनाता है.

फोर्ड अपने डेट्रॉइट प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अमेरिकी सेल्स का बड़ा हिस्सा घरेलू स्तर पर प्रोड्यूस करता है, लेकिन इस टैरिफ वॉर से ये भी नहीं बच सकेगा. क्योंकि ये मैक्सिको में एंट्री-लेवल मैवरिक छोटा पिकअप और ब्रॉन्को स्पोर्ट SUV बनाता है.

यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि अमेरिका का ये फैसला बहुत खेदजनक है. हम अब इस घोषणा का आकलन करेंगे. यूरोपीय संघ बातचीत के जरिए समाधान तलाशना जारी रखेगा, साथ ही अपने आर्थिक हितों की रक्षा भी करेगा.

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