आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दखल जिस रफ्तार से हर जगह बढ़ रहा है. दुनिया इसके स्याह पहलू से भी कहीं न कहीं भयभीत है.
इसी दिशा में दुनिया के दो बड़े देशों ने एक बड़ा फैसला लिया है. फैसला है न्यूक्लियर हथियारों को लेकर. व्हाइट हाउस से शनिवार को जारी बयान के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सहमति व्यक्त की है कि दोनों देश अपने देश के परमाणु हथियारों का नियंत्रण किसी भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम के हाथों में नहीं देंगे.
इस मुद्दे पर बैठक के बाद व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा-
ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और परमाणु सिद्धांत को मिलाकर काम करने को लेकर एक बड़ा बयान है, और इस बात का भी उदाहरण है कि आपसी प्रतिस्पर्धा के बावजूद कैसे अमेरिका और चीन जरूरी क्षेत्रों में रिस्क मैनेजमेंट को लेकर गंभीरता से काम कर रहे हैं.जेक सुलिवन, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
सुलिवन ने कहा कि ये समझौता इस चिंता से नहीं हुआ कि कोई भी देश हाल फिलहाल में अपने परमाणु हथियारों का कंट्रोल AI के हाथों में देने जा रहा है. बल्कि, ये इस बात की स्वीकृति (Acknowledgment) है कि दो न्यूक्लियर पावर देश उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लीडर हैं.
ये समझौता लीमा में APEC शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं के बीच होने वाली आखिरी बैठक के दौरान हुआ है.