पहले छंटनी और अब अमेरिका के न्याय विभाग की ओर से केस, गूगल इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है. दरअसल, अमेरिका के न्याय विभाग और 8 राज्यों ने डिजिटल विज्ञापन बाजार में अवैध तरीके से एकाधिकार को लेकर गूगल पर केस दर्ज किया है.
न्याय विभाग के एंटीट्रस्ट प्रमुख जोनाथन कंटर ने कहा, "आज हमने जो मुकदमा दायर किया है, वह डिजिटल विज्ञापन तकनीकों में गूगल के लंबे समय से मोनोपली होने का दावा करता है, जो कंटेंट क्रिएटर विज्ञापन बेचने के लिए इस्तेमाल करते हैं और विज्ञापनदाता ओपन इंटरनेट पर विज्ञापन खरीदने के लिए इस्तेमाल करते हैं.'
न्यू यॉर्क, कैलिफोर्निया और वर्जीनिया उन राज्यों में से थे जिन्होंने शिकायत पर हस्ताक्षर किए, वर्जीनिया में फेडरल कोर्ट में दाखिल इस मुकदमे पर हस्ताक्षर करने वाले राज्यों में न्यू यॉर्क, कैलिफोर्निया और वर्जीनिया शामिल हैं.
गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि मुकदमा 'टेक्सास अटॉर्नी जनरल की ओर से दायर मोटे तौर पर एक निराधार मुकदमे की नकल करता है, जिसमें से ज्यादातर मामलों को हाल ही में एक फेडरल कोर्ट ने खारिज कर दिया था. न्याय विभाग एक गलत तर्क पर काम कर रहा है, जो इनोवेशन को धीमा कर देगा, विज्ञापन शुल्क बढ़ाएगा, और हजारों छोटे व्यवसायों और पब्लिशर्स की तरक्की में मुश्किलें खड़ी कर देगा.'
इस खबर के बाद गूगल की पैरेंट कंपनी एल्फाबेट के शेयरों में गिरावट देखने को मिली. शेयर 2.6% तक टूट गए. बीते 12 महीनों में एल्फाबेट का शेयर 23% तक टूट चुका है.
278.6 बिलियन डॉलर वाले अमेरिकी डिजिटल-विज्ञापन बाजार में गूगल एक बड़ा खिलाड़ी है. जो ऑनलाइन विज्ञापन खरीदने, बेचने और सर्विस के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ज्यादातर टेक्नोलॉजी पर अपना नियंत्रण रखता है. न्याय विभाग का कहना है कि एडवर्टाइजर्स की ओर से उसके एडवर्टाइजिंग टूल्स से खर्च किए जाने वाले हर एक डॉलर में से गूगल के पास कम से कम 0.30 डॉलर आते हैं. ये बताता है कि गूगल का कितना दबदबा है.
हालांकि इस तरह के मुकदमे गूगल के लिए कोई नई बात नहीं है, गूगल पर गलत तरीके से कारोबार करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. खुद न्याय विभाग की ओर से दाखिल ये दूसरा एंटी ट्रस्ट मुकदमा है, जबकि अमेरिका में ये गूगल पर पांचवां बड़ा केस है.
राज्य के अटॉर्नी जनरल ने गूगल के खिलाफ तीन अलग-अलग मुकदमे दायर किए हैं, जिसमें गूगल पर आरोप लगाया गया है कि ये टेक दिग्गज एंटीट्रस्ट कानूनों के उल्लंघन में एंड्रॉइड मोबाइल प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन सर्च, विज्ञापन तकनीक और ऐप के बाजारों पर हावी है.
न्याय विभाग के एंटीट्रस्ट प्रमुख कैंटर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गूगल पिछले 15 साल से प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण में लगा हुआ है, जिसमें "बाजार पर दबदबा हासिल करने के लिए अधिग्रहण के तरीके भी शामिल है. इसमें ऑनलाइन विज्ञापन दिग्गज डबल क्लिक का 2007 में 3.1 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण शामिल है, जिसे न्याय विभाग अब खोलना चाह रहा है, इसके अलावा 2010 में इनवाइट मीडिया को 81 मिलियन डॉलर में खरीदने का सौदा और 2011 में AdMeld को 400 मिलियन डॉलर में खरीदना शामिल है.