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सरकार का कुल टैक्स कलेक्शन अनुमान से ज्यादा रहने की उम्मीद, चुनाव से पहले योजनाओं पर होंगे खर्च

सरकार का टैक्स कलेक्शन इस साल अनुमान से ज्यादा रहने की उम्मीद है. चुनाव से पहले ग्रामीण मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और पैसे की जरूरत है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:37 PM IST, 08 Nov 2023NDTV Profit हिंदी
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रिकॉर्ड टैक्स वसूली से सरकार की बल्ले-बल्ले हो गई है. सरकार का टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) इस साल अनुमान से ज्यादा रहने की उम्मीद है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव से पहले ग्रामीण मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को और पैसे की जरूरत है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि केंद्र सरकार को FY24 में करीब 1.9 ट्रिलियन रुपये ($22.8 बिलियन) मिलेंगे. ये GDP का 0.6% है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड का अनुमान है कि रेवेन्यू बजट (Budget) के अनुमान को पीछे छोड़ देगा. बजट में इसके GDP के 0.2%-0.3% का अनुमान था. यानी कुल मिलाकर सरकार की पांचों उंगलियां धी में हैं.

सरकार ने शुरू किए ऐलान

रेवेन्यू बढ़ने से मोदी सरकार लोगों को लुभाने वाली स्कीम्स पर पैसे खर्च करने की नई ताकत मिलेगी. 4 नवंबर को प्रधानमंत्री ने एक चुनावी रैली में कहा था कि वो लोकप्रिय मुफ्त अनाज की योजना को पांच साल के लिए आगे बढ़ाने जा रहे हैं. इसमें 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त मिलते हैं.

सरकार ने LPG और फर्टिलाइजर पर सब्सिडी को भी बढ़ा दिया था. इसके साथ वो गरीब लोगों के लिए कई अन्य कदम उठाने पर भी विचार कर रही है. इसमें छोटे किसानों को नकद राशि और कुछ होम लोन पर सब्सिडी देना शामिल है. इस साल टैक्स कलेक्शन अच्छा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार को अपने कुछ मुनाफे को भी ट्रांसफर किया है.

देश का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ा

देश का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1 अप्रैल से 9 अक्टूबर के बीच एक साल पहले के मुकाबले 18% ज्यादा रहा. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अभिषेक गुप्ता ने बुधवार को एक नोट में लिखा कि हमारा मानना है कि अतिरिक्त रेवेन्यू को जनकल्याण के लिए खर्च किया जाएगा. उनका अनुमान है कि सरकार की ओर से हाल ही में किए गए ऐलान के लिए 900 बिलियन रुपये की जरूरत पड़ेगी. यानी अन्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त 1 लाख करोड़ रुपये बचेंगे.

अतिरिक्त रेवेन्यू का मतलब है कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में बिना अपने बजट के डेफेसिट के टार्गेट को नुकसान पहुंचाए खर्च कर सकती है.

इस हफ्ते वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि मोदी की ओर से मुफ्त अनाज कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के ऐलान का मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में डेफेसिट पर कोई असर नहीं पड़ेगा. नोमूरा होल्डिंग्स ने 6 नवंबर को एक रिपोर्ट में कहा था कि इस कदम के करीबी अवधि में आर्थिक असर कम हैं. लेकिन आगे चलकर जोखिम हैं.

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