फेस्टिव डिमांड (Festive Demand) के चलते अक्टूबर में भारतीयों का क्रेडिट कार्ड खर्च 40% बढ़ गया है. इसकी एक बड़े उछाल की वजह पिछले महीने का छोटा बेस भी रहा है.
RBI का हालिया डेटा बताता है कि देश में अक्टूबर में क्रेडिट कार्ड खर्च (Credit Card Spending) बढ़कर 1.78 लाख रुपये हो गया.
HSBC ग्लोबल रिसर्च ने गुरुवार को एक नोट में कहा, 'फेस्टिव सीजन और इसमें कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले बड़े डिस्काउंट के साथ-साथ ई कॉमर्स कंपनियों के सेल कैंपेन के चलते ऊंची ग्रोथ रेट हासिल हुई है.'
अक्टूबर में कुल 9.5 करोड़ कार्ड उपयोग हुए, जो पिछले महीने से 1.8% ज्यादा है. HDFC बैंक और ICICI बैंक नेट कार्ड इश्यू में 42% की हिस्सेदारी रखते हैं. HDFC बैंक का बाजार खर्च में जितना हिस्सा होता था, वो अक्टूबर में कम हुआ है.
HSBC ग्लोबल रिसर्च के मुताबिक, 'बाजार खर्च में इस तरह की गिरावट HDFC के लिए तात्कालिक हो सकती है और जब बाजार सामान्य स्थिति में पहुंचेगा, हम तब रिकवरी के लिए इंतजार कर रहे हैं.'
लेकिन AU स्माल फाइनेंस बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कैथोलिक सीरियन बैंक, द फेडरल बैंक और द साउथ इंडियन बैंक जैसे छोटे बैंकों का मार्केट शेयर धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
16 नवंबर को RBI ने बैंकों और NBFCs द्वारा कंज्यमूर क्रेडिट पर रिस्क वेटेज 100% से बढ़ाकर 125% कर दिया है. जबकि क्रेडिट कार्ड पर रिस्क वेटेज 125% से बढ़ाकर 150% कर दिया है.
BofA सिक्योरिटीज के मुताबिक RBI के हालिया कदम से सबसे ज्यादा असर SBI कार्ड्स और पेमेंट सर्विसेज पर होगा. HSBC ग्लोबल रिसर्च के मुताबिक इससे कार्ड इकोनॉमिक्स में बदलाव आ सकता है. हालांकि रिसर्च ने साफ किया है कि निकट भविष्य में कार्ड को जारी करने की संख्या में कमी नहीं आएगी. क्योंकि क्रेडिट कार्ड्स अधिग्रहण और कस्टमर एंगेजमेंट का अहम टूल बने हुए हैं.'