आज के समय में मार्केट में लोन देने के लिए फर्जी एप्स की लाइन लगी हुई है. कई लोग इन एप्स के जाल में फंस कर लाखों रुपए का नुक्सान कर चुके हैं. समय-समय पर सरकार ने भी इन एप्स को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि फर्जी एप्स के बारे में आप कैसे पता कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले कुछ सालों से फर्जी एप्स से लिए गए लोन की संख्या में इजाफा हुआ है. साथ ही RBI के पास भी शिकायतें ग्राहकों की लगातार पहुंच रही हैं.
इस समस्या को देखते हुए सरकार ने कई फेक एप्स को पिछले दिनों बैन भी किया. यहां सबसे बड़ा सवाल आता है कि कैसे पता करें कौन सा एप फर्जी है और कौन सा ठीक है. तो इसके लिए आपको बता दें कि RBI से रजिस्टर्ड एप्स से ही आपको लोन लेना चाहिए. इस लिंक https://www.rbi.org.in/upload/publications/pdfs/59260.pdf पर क्लिक करके आप रजिस्टर्ड एप के नाम जान सकते हैं. RBI की वेबसाइट पर आपको रजिस्टर्ड एप्स की पूरी लिस्ट मिल जाएगी. दरअसल भारत में लेनदेन करने वाली कंपनियों को RBI की मंजूरी चाहिए होती है. इसलिए एक बार लोन लेने से पहले देख लें कि जहां से आप लोन ले रहे हैं वो संस्था RBI की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड है या नहीं.
जैसा हमने आपको पहले बताया कि इस समय मार्केट में कई फेक एप्स हैं जिसके जाल में फंस कर लोन मानसिक और आर्थिक परेशान होते ही हैं. इनमें से कई एप्स ऐसे हैं जो इंस्टेंट पर्सनल लोन देते हैं. लेकिन आप कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो इन फर्जी एप्स से बच सकते हैं.
जहां से आप लोन ले रहे हैं, वो RBI से रजिस्टर्ड है या नहीं, इसके लिए केंद्रिय बैंक की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड संस्थाओं की लिस्ट चेक करें. अगर वहां पैसा दे रही संस्था का नाम नहीं है तो लोन ना लें.
जिस एप से आप लोन ले रहे हैं, उसकी मेल आईडी के साथ फोन नंबर को वेरिफाई जरूर करें. फर्जी एप्स का कोई रजिस्टर्ड ऑफिस नहीं होता है, ना ही कोई कस्टमर सर्विस नंबर. इसलिए एक बार इसे देखकर ही लोन के लिए अप्लाई करें.
लोन एप्स को अपने फोन में इंस्टॉल करने से पहले गूगल प्ले स्टोर, एप्पल स्टोर पर इसकी रेटिंग्स को जरूर चेक करें. अगर निगेटिव रिव्यू या रेटिंग्स हैं तो इस एप पर भरोसा ना करें. ग्राहक अगर ज्यादा शिकायतें कर रहे हैं तो पूरी संभावना है कि आप भी लोन लेने के बाद परेशान हो.
लोन लेते समय ध्यान रखें कि एप को कैमरे से लेकर, गैलरी, माइक्रोफोन की पर्मिशन न दें. इससे कहीं न कहीं डेटा ब्रीच की समस्या हो सकती है. साथ ही पर्सनल डेटा चुरा कर ब्लैकमेलिंग भी हो सकती है.
अगर आपको साथ फिर भी धोखा हो जाता है तो तुरंत इसकी शिकायत cybercrime.gov.in पर करें. साथ ही साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके मामले की पूरी जानकारी दे सकते हैं.