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IIFL फाइनेंस पर RBI की सख्ती! गोल्ड लोन बांटने पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक

हालांकि रिजर्व बैंक ने कंपनी को अपने मौजूदा लोन के लिए सेवाएं जारी रखने की छूट दी है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी05:54 PM IST, 04 Mar 2024NDTV Profit हिंदी
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IIFL फाइनेंस (IIFL Finance) को रिजर्व बैंक ने तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन बांटने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.

रिजर्व बैंक ने कंपनी से किसी भी नए गोल्ड लोन को मंजूरी देना बंद करने के लिए कहा है, कंपनी को अपने किसी भी गोल्ड लोन को आवंटित/बेचने से भी रोक दिया गया है. हालांकि रिजर्व बैंक ने कंपनी को अपने मौजूदा लोन के लिए सेवाएं जारी रखने की छूट दी है.

RBI ने क्यों लगाई पाबंदी?

रिजर्व बैंक की ओर से 31 मार्च, 2023 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण किया गया था.

कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कुछ महत्वपूर्ण सुपरवाइजरी चिंताएं देखी गईं, जिनमें लोन की मंजूरी के समय और डिफॉल्ट पर नीलामी के समय सोने की शुद्धता और शुद्ध वजन की जांच और प्रमाणित करने में गंभीर गड़बड़ियां शामिल थीं.

लोन-टू-वैल्यू रेश्यो में उल्लंघन; सीमा से ज्यादा कैश में लोन की रकम का डिस्बर्सल और कलेक्शन, मानक नीलामी प्रक्रिया का पालन नहीं करना; और कस्टमर अकाउंट्स पर लगाए जाने वाले शुल्कों में पारदर्शिता की कमी वगैरह शामिल है.

RBI को क्या गड़बड़ियां मिलीं

  • 31 मार्च, 2023 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण किया गया था.

  • कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कुछ महत्वपूर्ण सुपरवाइजरी चिंताएं देखी गईं

  • लोन की मंजूरी के समय और डिफॉल्ट पर नीलामी के समय सोने की शुद्धता में गड़बड़ी

  • इसके अलावा शुद्ध वजन की जांच और प्रमाणित करने में गंभीर गड़बड़ियां शामिल थी

  • लोन-टू-वैल्यू रेश्यो में उल्लंघन, मानक नीलामी प्रक्रिया का पालन नहीं करना भी गंभीर गड़बड़ियों में शामिल

  • सीमा से ज्यादा कैश में लोन की रकम का डिस्बर्सल और कलेक्शन में गड़बड़ी

  • कस्टमर अकाउंट्स पर लगाए जाने वाले शुल्कों में पारदर्शिता की कमी

इस तरह से काम करने के तरीके, रेगुलेटरी उल्लंघन होने के अलावा, ग्राहकों के हितों पर भी महत्वपूर्ण और प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. पिछले कुछ महीनों में, रिजर्व बैंक इन कमियों पर कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट और ऑडिटर्स के साथ बातचीत कर रहा है.

हालांकि, कंपनी की ओर से अब तक कोई सार्थक सुधारात्मक कदम उठाया गया हो, ऐसा सामने नहीं आया है. इसलिए ग्राहकों के हितों को देखते हुए तत्काल प्रभाव से बिजनेस प्रतिबंधों को लगाया गया है.

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