Sovereign Gold Bond Scheme: सोने में निवेश करने वालों के लिए आज से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की नई सीरीज खुल गई है. ये स्कीम 16 फरवरी 2024 तक खुली रहेगी. इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से निवेश किया जा सकता है.
रिजर्व बैंक की वेबसाइट के मुताबिक इस बार सरकार ने सोने की कीमत यानी सॉवरेन गोल्ड का इश्यू प्राइस 6,263 रुपये प्रति 1 ग्राम तय किया है. डिजिटल पेमेंट करने पर 50 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. यानी 1 ग्राम सोने के लिए 6,213 रुपये चुकाने होंगे.
साल 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम लॉन्च की गई थी. ये केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक खास स्कीम है, जिसके जरिये बाजार से कम दाम पर सोने में निवेश किया जा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से ये बॉन्ड जारी किए जाते हैं. इसमें सोना, बॉन्ड के रूप में होता है, लेकिन इसकी वैल्यू सोने के बराबर है. इस स्कीम के तहत इन्वेस्टमेंट पर सरकार की ओर से सिक्योरिटी की गारंटी जाती है.
कोई भी भारतीय इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. RBI की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत SGB में निवेश करने वालों को कम से कम 1 ग्राम सोना खरीदना होगा. वहीं इस स्कीम में कोई व्यक्ति अधिकतम 4 किलोग्राम तक सोना खरीद सकता है. HUF के लिए अधिकतम सीमा 4 किलो, लेकिन ट्रस्ट के नाम पर ये सीमा 20 किलोग्राम तक है.
इस स्कीम के तहत खरीदे गए गोल्ड को आप कभी भी मौजूदा रेट पर ही बेच सकते हैं. इस स्कीम की मैच्योरिटी 8 सालों में होती है. वहीं 5वें साल में भी आप इससे बाहर निकल सकते हैं, लेकिन जो गेंस आपने कमाया है वो टैक्स फ्री नहीं होगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स की दो बातें इसको खास बनाती हैं, बॉन्ड की 8 साल की होल्डिंग अवधि में किए गए किसी भी कैपिटल गेंस को मैच्योरिटी तक रखने पर टैक्स से छूट मिलेगी और दूसरा, बॉन्ड पर साल में दो बार में 2.5% का ब्याज मिलता है.
SGB में डिजिटल निवेश करना ज्यादा फायदेमंद रहता है. आप इसे किसी भी पोस्ट ऑफिस से, बैंक से, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन (SHCIL) या क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCIL) से खरीद सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE से भी इसे खरीदा जा सकता है.
SGB में निवेश के लिए आप नकद या डिजिटली पेमेंट कर सकते हैं. आप कोई भी UPI तरीका अपना सकते हैं. अगर फिजिकली पेमेंट करना चाहते हैं तो कैश, चेक और ड्राफ्ट से पेमेंट कर सकते हैं. डिजिटल पेमेंट करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी, सो ये आपके लिए फायदे का सौदा होगा.
SGB में निवेश करने वालों को सरकार की तरफ से सर्टिफिकेट मिलता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को डीमैट फॉर्म में भी बदला जा सकता है. इसे लोन के लिए कोलैटरल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.