श्रम मंत्रालय के सूत्रों ने NDTV को बताया कि सरकार एक 'यूनिवर्सल पेंशन स्कीम' पर काम कर रही है जो असंगठित क्षेत्र के सहित सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी.
फिलहाल असंगठित क्षेत्र के लोगों जैसे कंस्ट्रक्शन वर्कर, घरेलू कर्मचारी और गिग वर्कर के पास सरकार के जरिए चलने वाली बड़ी बचत योजनाओं तक पहुंच नहीं है. हालांकि ये योजना सभी सैलरी पाने वाले कर्मचारियों और सेल्फ एम्पलॉयड लोगों के लिए भी खुली होगी.
इस नए प्रस्ताव और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन जैसी मौजूदा योजनाओं में एक महत्वपूर्ण अंतर ये है कि योगदान पूरी तरह स्वैच्छिक आधार पर होगा और सरकार अपनी ओर से कोई योगदान नहीं देगी.
सूत्रों के मुताबिक, 'यूनिवर्सल पेंशन स्कीम' के तहत कुछ मौजूदा योजनाओं को शामिल करके देश में पेंशन और बचत ढांचे को सुव्यवस्थित करना है. सूत्रों ने कहा कि इन्हें स्वैच्छिक आधार पर किसी भी नागरिक के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जाएगा.
नई योजना जिसे अभी 'न्यू पेंशन स्कीम' कहा जा रहा है, ये एक स्वैच्छिक पेंशन योजना है और ये मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम की जगह नहीं लेगी और न ही इसमें शामिल की जाएगी.
सूत्रों ने बताया कि इस योजना का प्रस्ताव तैयार हो जाने के बाद सभी स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लेने के लिए सार्वजनिक की जाएगी.
आज की तारीख में असंगठित क्षेत्र के लिए सरकार की कई पेंशन योजनाएं हैं, जैसे अटल पेंशन योजना, जो निवेशक के 60 साल के होने के बाद 1,000 रुपये और 1,500 रुपये का मासिक रिटर्न देती हैं. इसके अलावा प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM), जिसका उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों या मजदूरों को लाभ पहुंचाना है.
किसानों के लिए भी पेंशन योजना बनाई गई है, जैसे कि प्रधान मंत्री किसान मानधन योजना जो निवेशक को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन देती है.