पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) दोनों ही सरकारी स्कीम हैं और इनमें कुछ समानताएं भी हैं. दोनों योजनाएं लंबी अवधि के अनुशासित निवेश को बढ़ावा देती हैं. ये स्कीम देश के किसी भी डाकघर में शुरू की जा सकती है.
दोनों योजनाएं आपकी छोटी छोटी बचत को नियमित अंतराल पर निवेश करने का अवसर देती हैं, जिनके जरिए बड़ा कॉर्पस तैयार कर सकते हैं. दोनों में ही आपको 15 साल तक निवेश करना होता है. अब सवाल यह है कि अगर 15 साल तक निवेश करना हो तो किस स्कीम में किया जाए. इसके लिए आप कैलकुलेशन देखकर फैसला ले सकते हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और सुकन्या समृद्धि योजना दोनों डाकघर की स्मॉल सेविंग्स स्कीम हैं. इसके चलते इनमें सेफ्टी को लेकर कोई टेंशन नहीं होता है. दोनों ही फिक्स्ड इनकम स्कीम हैं, जिनमें केंद्र सरकार से तय किए गए ब्याज के अनुसार रिटर्न मिलता है. ध्यान रहे कि केंद्र सरकार हर 3 महीने में स्मॉल सेविंग्स स्कीम की समीक्षा करती है और ब्याज दर निर्धारित करती है. अभी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर 7.1%सालाना और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% सालाना ब्याज मिल रहा है.
सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ, दोनों ही योजनाएं टैक्स फ्री हैं. यानी इन पर ट्रिपल ई (EEE) टैक्स बेनिफिट मिलता है. यानी इनमें तीन अलग-अलग स्तरों पर टैक्स में छूट मिलती है. सबसे पहले इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक के सालाना निवेश पर छूट मिलती है. इसके बाद इन पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगता. और आखिर में मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी रकम टैक्स फ्री होती है.
दोनों ही योजनाएं लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देती हैं, जिनमें छोटी छोटी बचत से बड़ा फाइनेंशियल टारगेट पूरा किया जा सकता है.
दोनों स्कीम्स में एक वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक जमा करने की सुविधा है. यह निवेश मंथली बेसिस पर भी किया जा सकता है, जो एक साल में अधिकतम 1.50 लाख रुपये होना चाहिए.
PPF में 15 साल तक पैसा जमा करना होता है, मैच्योरिटी भी 15 साल की है. सुकन्या समृद्धि योजना में भी निवेश 15 साल तक ही करना होता है, हालांकि खाता 21 साल पर मैच्योर होता है.
कैलकुलेशन से साफ है कि दोनों ही योजनाओं में एक निवेशक के तौर पर आप 15 साल में अधिकतम 22.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. PPF की स्कीम 15 साल बाद ही मैच्योर हो जाती है और मैच्योरिटी पर आपको करीब 40.68 लाख रुपये मिलते हैं. यानी इसमें ब्याज का फायदा करीब 18.18 लाख रुपये होता है.
सुकन्या समृद्धि योजना में आप 15 साल के दौरान PPF की तरह ही अधिकतम 22.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. लेकिन स्कीम उसके 21 साल में यानी PPF के मुकाबले 6 साल बाद मैच्योर होती है, इसलिए इसमें कंपाउंडिंग जुड़ने से फायदा बढ़ जाता है.
सुकन्या समृद्धि योजना में आपको तय अधिकतम लिमिट में निवेश करने पर 69.80 लाख रुपये का फंड मैच्योरिटी के बाद मिलता है, यानी ब्याज का फायदा 47.30 लाख से ज्यादा होता है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि सुकन्या समृद्धि योजना का अकाउंट सिर्फ 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के लिए ही शुरू किया जा सकता है.