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Income Tax: गलत HRA क्लेम वालों के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग की मुहिम! CBDT ने खुद बताई सच्चाई

मीडिया में टैक्स से जुड़ी हर खबर सच नहीं होती, इसके लिए समय समय पर इनकम टैक्स विभाग खुद टैक्सपेयर्स को आगाह करता रहता है. बीते कुछ दिनों से HRA क्लेम को लेकर मीडिया में चल रही एक खबर का इनकम टैक्स विभाग ने खंडन किया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी12:43 PM IST, 09 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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बीते कई दिनों से कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ये खबरें चल रही हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों के खिलाफ एक मुहिम चला रहा है जो गलत तरीके से HRA क्लेम कर रहे हैं, उनके पुराने मामले खोले जा रहे हैं. इस पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी CBDT खुद ही सफाई जारी की है, और मीडिया में चल रही ऐसी खबरों को आधारहीन बताया है.

HRA क्लेम पर CBDT की सफाई

इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि FY21 में सैलरीड कर्मचारी की ओर से भुगतान किए गए किराए और प्राप्तकर्ता को मिले किराए के बीच बेमेल वाले मामलों की 'छोटी संख्या' को नोटिस जारी करने और फिर से खोलने का अभियान था. लेकिन ये स्पेशल ड्राइव का हिस्सा नहीं था, जैसा कि कुछ मीडिया में दिखा गया था.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा 'ये बात स्पष्ट की जाती है कि इन मामलों पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन (यानी पिछली तारीख से टैक्सेशन) और HRA क्लेम्स से जुड़े मुद्दों को फिर से खोलने के बारे में कोई भी आशंका पूरी तरह से निराधार है.'

कुछ मामलों का वेरिफिकेशन किया गया

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि जहां तक वेरिफिकेशन की बात है, तो इनकी संख्या बहुत कम थी और बड़ी संख्या में उन मामलों को दोबारा खोले बिना किया गया था. खास तौर पर जब से FY2020-21 (AY 2021-22) के लिए अपडेटेड रिटर्न केवल उन टैक्सपेयर्स की ओर से 31 मार्च, 2024 तक फाइल किया जा सकता था.

इस ई-वेरिफिकेशन का मकसद केवल FY21 के लिए सूचना के बेमेल मामलों को दूसरों पर असर डाले बिना सचेत करना था.

CBDT ने कहा कि टैक्सपेयर्स की ओर से दायर की गई और इनकम टैक्स विभाग के पास उपलब्ध बेमेल जानकारी के कुछ उदाहरण डेटा वेरिफिकेशन के नियमित अभ्यास के हिस्से के रूप में विभाग के सामने आए हैं. ऐसे मामलों में विभाग ने टैक्सपेयर्स से कहा है कि वो इन गलतियों को सुधार लें.

क्या होता है HRA

HRA कर्मचारियों की सैलरी या CTC का हिस्सा होता है और इसका कैलकुलेशन टैक्सेबल इनकम के रूप में किया जाता है. अगर कोई कर्मचारी किराए के घर में रहता है, तो वो वैध रसीद देकर उस साल के दौरान मिले HRA के लिए टैक्स छूट क्लेम कर सकता है.

हालांकि, अगर कोई टैक्सपेयर नए टैक्स सिस्टम का विकल्प चुनता है, जिसमें छूट नहीं है, तो टैक्स छूट उपलब्ध नहीं है. नया टैक्स सिस्टम FY25 से डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था के रूप में लागू है, जो अगला असेसमेंट ईयर है.

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