ADVERTISEMENT

Income Tax Return: IT रिटर्न में इन 5 तरह की इनकम बताना है जरूरी! भूले तो आ सकता है नोटिस

कई इनकम ऐसी होती हैं, जिसे लोग ITR में बताना जरूरी नहीं समझते हैं या फिर जिक्र करना भूल जाते हैं. ऐसा करना मुश्किल खड़ी कर सकता है.
NDTV Profit हिंदीअर्णव पंड्या
NDTV Profit हिंदी06:40 PM IST, 29 May 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

ऐसी कुछ इनकम या कमाई होती हैं, जिनका इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय ध्यान रखना जरूरी है. अक्सर लोग इन छोटी छोटी जानकारियों पर ध्यान नहीं देते हैं और फिर उन्हें इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिल जाता है. इसलिए, ये जरूरी है कि लोग इस बात का शुरुआत से ही ध्यान रखें, जिससे बाद में इस मुश्किल से बचा जा सके. आइए ऐसी ही पांच तरह की इनकम को जानते हैं, जिनके बारे में जानकारी देना लोग भूल जाते हैं.

नाबालिग के नाम पर इनकम

नाबालिग के नाम पर भी निवेश किया जा सकता है या आम तौर पर नाबालिग बच्चे के नाम पर बैंक अकाउंट खोला जाता है, जिसमें माता-पिता अभिभावक के तौर पर रहते हैं. अक्सर लोग कई तरह की इनकम के बारे में डिटेल्स जमा करने की कोशिश में, इस एक एरिया को भूल जाते हैं. इस बात की संभावना रहती है कि नाबालिग के नाम पर निवेश और बैंक अकाउंट पर कुछ ब्याज आ रहा हो. ऐसे में, उसे माता-पिता की आय के साथ जोड़ना होगा. जिस माता-पिता के परमानेंट अकाउंट नंबर का इस्तेमाल निवेश के साथ या अकाउंट के साथ किया जाता है, उन्हें अपनी इनकम के साथ इसे दिखाना होगा. नाबालिग की इनकम के जोड़ने पर 1,500 रुपये का डिडक्शन है.

टैक्स फ्री इनकम

ऐसी कई तरह की टैक्स फ्री इनकम हैं, जो व्यक्ति को मिलती हैं. इनमें कई चीजों का ध्यान रखना होता है, जैसे टैक्स फ्री बॉन्ड पर ब्याज या कुछ अन्य रिसीट, जो इनकम टैक्स एक्ट के किसी सेक्शन के तहत टैक्स फ्री होती हैं जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर ब्याज. इन मामलों में, इनकम टैक्स फ्री हो सकती है और उस पर किसी टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसे टैक्स रिटर्न में भी नहीं दिखाना है. रिटर्न में इसके लिए जगह होती है, जिसमें ऐसी इनकम को दिखाना होता है और इसे करना जरूरी होता है जिससे डिटेल्स सही तरीके से दिखें. PPF अकाउंट पर ब्याज जैसी चीजें आम तौर पर हर गुजरते साल के साथ बढ़ती चली जाती हैं और इसलिए इसे रिटर्न पर उपयुक्त जगह में दिखाना होता है.

सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज

सेविंग्स बैंक अकाउंट पर कमाए गए ब्याज को दिखाने के मामले में भी लोग लापरवाही बरतते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि अक्सर ये आंकड़ा बहुत छोटा होता है और टैक्सपेयर सोचता है कि इससे फर्क नहीं पड़ता. हालांकि, इस ब्याज को नहीं दिखाना गलत है, क्योंकि भले ही टैक्स जीरो है. लेकिन उसे पहले रिटर्न में दिखाना होगा और सेक्शन 80TTA के तहत सालाना 10,000 रुपये तक डिडक्शन के तौर पर क्लेम करना होगा. इसे छोड़ देने पर टैक्स विभाग के पास मौजूद जानकारी गलत मानी जाएगी और आपको नोटिस मिल सकता है.

विदेशी निवेश से इनकम

कई टैक्सपेयर्स विदेशी निवेश भी करते हैं. ये डायरेक्ट इक्विटी होल्डिंग्स या फॉरेन फंड्स या हाउस प्रॉपर्टी के तौर पर हो सकता है. इन निवेश के बारे में रिटर्न में उपयुक्त जगह पर जानकारी देनी होती है. इसके साथ इन होल्डिंग्स से हुई कमाई को दिखाना होता है. इन्हें छोड़ या भूल जाना गंभीर गलती हो सकती है, जिसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं, इसलिए टैक्सपेयर्स को इस पर खास ध्यान देना चाहिए.

कुल मिला ब्याज

Accrued interest (कुल मिला ब्याज) वो इनकम है, जो कमाई जाती है, लेकिन मिलती नहीं है. ये संचयी जमा या बॉन्ड जिसमें ब्याज का भुगतान केवल मैच्योरिटी पर किया जाता है. इस इनकम पर TDS लिया जा सकता है, इसलिए, ये जरूरी है कि इस इन्वेस्टमेंट इनकम को टैक्स रिटर्न में दिखाया जाए. इसे छोड़ देने पर टैक्स विभाग की ओर से कई सवाल पूछे जा सकते हैं.

अर्णव पंड्या

(लेखक Moneyeduschool के फाउंडर हैं)

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT