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Tax on Luxury Items: लग्‍जरी वॉच से लेकर हेलिकॉप्टर तक, ₹10 लाख से अधिक की शॉपिंग पर लगेगा 1% TCS

बजट में रईस परिवारों (HNIs) के लग्‍जरी आइटम्स पर बढ़ते खर्च को देखते हुए 10 लाख रुपये से अधिक की खरीद पर टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:50 AM IST, 23 Apr 2025NDTV Profit हिंदी
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सरकार ने लग्‍जरी खर्चों पर नजर रखने और 10 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन को इनकम टैक्‍स रिटर्न में दर्ज कराने के लिए हाई-वैल्‍यू शॉपिंग पर टैक्‍स का दायरा बढ़ा दिया है. इस टैक्‍स को वसूलने की जिम्मेदारी विक्रेता (Seller) की होगी.

अब से 10 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी पर विक्रेताओं को 1% TCS वसूलना होगा.

मंगलवार को जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार, केंद्र सरकार ने TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) के तहत लग्‍जरी वस्तुओं की एक डिटेल्‍ड लिस्‍ट जारी की है, जिसका मकसद टैक्स बेस को बढ़ाना और हाई-एंड खर्चों पर नजर रखना है.

लग्‍जरी आइटम्‍स में क्‍या-क्‍या?

जुलाई 2024 के बजट प्रस्ताव के बाद अब जाकर केंद्र ने लग्‍जरी आइटम्‍स की लिस्‍ट जारी की है. इस लिस्‍ट में महंगी घड़ियां, कलाकृतियां, पुरानी नायाब चीजें (Antiques), यॉट, महंगे हैंडबैग, हाई-एंड स्पोर्ट्सवियर, घोड़े, होम थिएटर सिस्टम, स्कीइंग गियर, गोल्फ किट और यहां तक कि हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं.

बजट में रईस परिवारों (HNIs) के लग्‍जरी आइटम्स पर बढ़ते खर्च को देखते हुए 10 लाख रुपये से अधिक की खरीद पर टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया था. हालांकि, तब सरकार ने ये स्पष्ट नहीं किया था कि किन वस्तुओं को 'लग्‍जरी' माना जाएगा. अब इस सूची से टैक्स के लिहाज से 'लग्‍जरी गुड्स' की परिभाषा स्पष्ट हो गई है.

हाई-वैल्यू लेन-देन पर निगरानी बढ़ेगी

सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 206C (1F) के तहत ये नोटिफिकेशन जारी की है, जो रिटेल शॉपिंग पर TCS से संबंधित है. लिस्‍ट में शामिल वस्तुओं को बेचने वाले विक्रेताओं को 10 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी पर खरीदार से 1% TCS वसूलना होगा.

इस कदम का उद्देश्य हाई-वैल्यू लेन-देन पर निगरानी बढ़ाना है. इससे न केवल अधिक लोगों को फॉर्मल टैक्स सिस्टम में लाया जा सकेगा, बल्कि लग्‍जरी मार्केट में अकाउंटेड पैसे के इस्तेमाल पर भी रोक लगेगी.

LRS के तहत ₹10 लाख+ पर ही TCS

फरवरी के बजट में TCS को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेशों में भेजे जाने वाले 7 लाख रुपये की जगह अब 10 लाख रुपये से अधिक की रकम पर ही TCS लगेगा.

अभी तक, LRS के तहत किए गए सभी विदेशी भुगतान (बैंक ट्रांसफर, फॉरेक्स खरीद, फॉरेक्स कार्ड लोडिंग आदि) पर 7 लाख रुपये से अधिक की रकम पर 20% TCS लगता था. हालांकि, मेडिकल या एजुकेशनल उद्देश्यों के लिए भेजी गई रकम पर यह लागू नहीं होता. सिवाय कुछ विशेष मामलों के, 7 लाख रुपये से कम के लेन-देन पर TCS नहीं लगता.

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