ADVERTISEMENT

हेल्थ इंश्योरेंस में 1 जनवरी से बड़े बदलाव; बीमा कंपनियां को आसान भाषा में देनी होंगी पॉलिसी की जानकारियां

IRDAI ने CIS में पॉलिसी से जुड़ी जानकारियों को बिल्कुल आसान भाषा में देना अनिवार्य कर दिया है. इससे पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी की जानकारियां अच्छी तरह से समझ सके.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी02:39 PM IST, 31 Oct 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

1 जनवरी, 2024 से हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं. इंश्ंयोरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज के लिए सभी बीमाधारकों को कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट (CIS) अनिवार्य रूप से जारी करें.

क्या है हेल्थ इंश्योरेंस में नया बदलाव

बीमा कंपनियों के कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट उसी समय जारी करनी होगी, जब बीमाधारक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रहा होगा. IRDAI की ओर से जारी नए सर्कुलर के मुताबिक - इस नए बदलाव में बीमाधारक को ये विकल्प दिया गया है कि अगर उसे पॉलिसी पसंद नहीं आती है तो वो एक तय अवधि के अंदर उस पॉलिसी को कैंसिल भी कर सकता है.

IRDAI का कहना है कि कई शिकायतें सामने आई हैं, जिसमें बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीच जानकारियों की असमानता देखने को मिली है. IRDAI के मुताबिक कस्टमर केयर इंफॉर्मेशन शीट में बीमाधारक को हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां, सूचनाएं बेहद आसान भाषा में देनी होगी.

जैसे- पॉलिसी किस टाइप की है, वेटिंग पीरियड कितना है, कवरेज की डिटेल्स क्या है, पोर्टेबिलिटी से लेकर फ्री-लुक पीरियड तक की सभी जानकारियां देनी होंगी. इसके अलावा क्लेम कैसे करना होगा, कॉन्टैक्ट डिटेल्स क्या हैं इसकी जानकारी बीमाधारक को बिल्कुल आसान भाषा में देनी होगी, और ये सभी जानकारी CIS शीट पर एक साथ देनी होंगी.

आसान भाषा में पॉलिसी की जानकारी

कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट (CIS) का नया फॉर्मेट पॉलिसीहोल्डर को कठिन शब्दों और प्रक्रिया को आसानी से समझने में मदद करेगा ताकि हेल्थ इंश्योरेंस जुड़ी सभी जानकारियां वो बेहतर तरीके से समझ सकें. IRDAI का कहना है कि इससे विवाद को कम करने में मदद मिलेगी, क्लेम का निपटारा जल्द हो सकेगा. IRDAI ने कहा कि बीमा कंपनियों को हेल्थ पॉलिसी में ये साफ साफ बताना होगा कि पॉलिसी में कौन सी बीमारियां कवर हैं और कौन सी नहीं. प्री-हॉस्पिटलाइजेशन से लेकर पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन तक के खर्चे पॉलिसी में कैसे कवर होंगे, इसकी पूरी जानकारी देनी होगी.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT