सिर्फ 120 रुपये रोज की बचत ने खोली करोड़पति बनने की राह. यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, एक म्यूचुअल फंड स्कीम में किए गए निवेश का सच्चा हाल है. हम बात कर रहे हैं लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) के रिटर्न की.
आमतौर पर LIC का जिक्र होते ही मन में इंश्योरेंस यानी बीमा का ही ख्याल आता है. लेकिन बीमा सेक्टर की दिग्गज कंपनी होने के साथ ही साथ LIC कई म्यूचुअल फंड स्कीम भी चलाती है. इसकी कई स्कीम्स का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. ऐसी ही एक स्कीम है LIC MF ELSS टैक्स सेवर (LIC MF ELSS Tax Saver) फंड. यह करीब 27 साल पुरानी स्कीम है, जिसने लॉन्च के बाद से अब तक अपने निवेशकों बड़ा फायदा पहुंचाया है, वो भी टैक्स की बचत के साथ.
IC MF ELSS टैक्स सेवर फंड ने पिछले 27 साल में SIP करने वालों को 13.05% की दर से एन्युलाइज्ड रिटर्न दिया है. यानी अगर किसी ने 27 साल पहले इस स्कीम में सिर्फ 40 हजार रुपये का एकमुश्त निवेश करने के बाद 120 रुपये रोज की बचत से 3,600 रुपये की मंथली SIP शुरू की होगी, तो अब तक उसके निवेश की कुल वैल्यू 1,00,03,281 रुपये, यानी 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई होगी. पूरा कैलकुलेशन आप यहां चेक कर सकते हैं:
LIC MF ELSS टैक्स सेवर फंड ने लॉन्च के बाद से SIP निवेश पर लगातार अच्छे रिटर्न दिए हैं. इस स्कीम ने पिछले 3 साल, 5 साल, 10 साल, 15 साल और 20 साल में SIP पर कितना रिटर्न दिया है, यह आप यहां देख सकते हैं.
जैसा कि इस स्कीम के नाम से ही पता चलता है, LIC MF ELSS टैक्स सेवर फंड एक टैक्स सेविंग स्कीम है. यानी इसमें निवेश करने पर रिटर्न के साथ ही साथ टैक्स में बचत का लाभ भी मिलता है. यानी साल में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. इक्विटी फंड्स की यूनिट्स को एक साल से ज्यादा होल्ड करने के बाद बेच जाए, तो एक वित्त वर्ष के दौरान हुए 1.25 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता. इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 12.5 % की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना पड़ता है. टैक्स सेविंग स्कीम होने की वजह से LIC MF ELSS टैक्स सेवर फंड में किए गए निवेश पर 3 साल का लॉक इन पीरियड लागू होता है.
नियमों के तहत किसी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम के कॉर्पस का कम से कम 80 % हिस्सा इक्विटी में निवेश करना जरूरी है. हालांकि इस स्कीम का इक्विटी में निवेश उससे कहीं ज्यादा है. लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक अभी इस स्कीम का 97.1 % हिस्सा इक्विटी में और 2.87 % कैश या कैश जैसे एसेट्स में लगा हुआ है.
31 मार्च, 1997 को लॉन्च हुई LIC की इस स्कीम का नाम पहले धन टैक्स सेवर '97 (Dhan Tax Saver '97) था. स्कीम का बेंचमार्क, निफ्टी 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स और एक्सपेंस रेशियो 2.13 % है. 23 अगस्त, 2024 तक अपडेटेड आंकड़ों के मुताबिक इस स्कीम का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,185.12 करोड़ रुपये है.
इक्विटी लिंक्ड स्कीम होने के कारण इस स्कीम में किए गए निवेश के साथ मार्केट रिस्क हमेशा जुड़ा रहता है. यानी शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का इस पर सीधा असर पड़ता है. इसलिए इसमें निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ठीक से जांच-परख लें. यह भी ध्यान में रखें कि इक्विटी म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश से पहले अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लेना न भूलें.