Home Loan: रोटी, कपड़ा और मकान. आदमी की मूलभूत जरूरतें होती हैं. रोटी-कपड़े का जुगाड़ तो हो ही जाता है. बाकी खुद का एक मकान होना बड़ी बात होती है. खासकर लोअर और मिडिल क्लास फैमिली के लिए खुद का घर उनके बड़े सपनों में शामिल होता है. नौकरी या अपना बिजनेस करते हुए इतनी सेविंग नहीं होती कि एक झटके में घर खरीदा जा सके. ऐसे में उनके पास विकल्प होता है- 'होम लोन' का.
लोअर और मिडिल क्लास का एक बड़ा हिस्सा, घर खरीदने के लिए 'होम लोन' को सुविधाजनक ऑप्शन मानता है. आम तौर पर होम लोन की अधिकतम अवधि 25 से 30 साल होती है, लेकिन बहुत सारे लोगों के लिए इतना लंबा टेन्योर एक बोझ की तरह हो जाता है.
BQ Prime Hindi से बातचीत के दौरान, HDFC बैंक से जुड़ीं अधिकारी नाव्या चौधरी ने 5 स्मार्ट तरीके बताए, जिनके जरिये आप अपने होम लोन का बोझ कम कर सकते हैं.
होम लोन का प्री-पेमेंट करने के लिए आपको किसी जैकपॉट की जरूरत नहीं है. अगर आपने 20 से 30 साल की उम्र में होम लोन लिया है तो आप अपनी बचत में से कुछ अतिरिक्त पैसों का एक फंड बना सकते हैं. इस फंड में सैलरी में हुए इंक्रीमेंट का हिस्सा, बोनस, एक्सट्रा इनकम को शामिल कर सकते हैं.
और फिर इस फंड में जमा राशि को एकमुश्त होम लोन के प्री-पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. कुछ-कुछ साल की अवधि में ऐसा करने से लोन अमाउंट कम होता जाएगा और उस पर लगने वाला ब्याज भी. ये ब्याज में कटौती के साथ लोन की अवधि कम करने में भी मदद करता है.
आपके लोन के टाइप को देखते हुए आप ये पता कर सकते हैं कि आप अपने महीने की किस्त बढ़ा सकते हैं या नहीं. अगर आपका फिक्स्ड रेट लोन है तो इससे आपको मदद मिलेगी. रीफाइनेंस न करा पाने की स्थिति में आप मंथली पेमेंट को बढ़ाकर लोन जल्दी जमा कर सकते हैं. इससे आप ब्याज को बढ़ने का मौका ही नहीं देते हैं और प्रिंसिपल अमाउंट भी घटता रहता है. आप हर महीने एक किस्त बढ़ा कर भी दे सकते हैं.
सैलरी कम होने और क्रेडिट स्कोर अच्छा न होने के चलते कई लोगों को हाई इंटरेस्ट रेट पर होम लोन लेना पड़ता है. लेकिन समय के साथ प्रोमोशन और इंक्रीमेंट होने या जॉब स्विच करने के बाद अगर आपकी मंथली सैलरी अच्छी हो गई है तो आप अपने होम लोन की बैलेंस राशि को किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कराने पर विचार कर सकते हैं. ऐसे बैंक, जिनका इंटरेस्ट रेट कम हो.
कई बैंक ऐसी सुविधा देते हैं, कुछ इसके लिए प्रोसेसिंग फी चार्ज करते हैं. दूसरे बैंक में लोन को तेजी से चुकाने के लिए EMI बढ़वाकर आप लोन अवधि को कम भी करवा सकते हैं. अगर आपके होम लोन की अवधि 20 वर्ष है तो शुरुआती 2 से 5 वर्ष के बीच लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा लेना बेहतर रहेगा.
SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको एक तय समय के बाद अच्छा खासा रिटर्न मिल सकता है. नाव्या एक उदाहरण के जरिये बताती हैं, 'जैसे आपने 25 लाख का होम लोन लिया है, जिसकी अवधि 25 साल है. वहीं दूसरी ओर आप हर महीने 5,000 रुपये की अतिरिक्त कमाई या सेविंग SIP की किसी ऐसी स्कीम में लगाते हैं, जहां 15 वर्ष के बाद आपको 20 से 22 लाख तक का रिटर्न मिल जाए.'
तो ऐसे में आप इस मोटी राशि का इस्तेमाल होम लोन को प्रीपे करने में कर सकते हैं. इससे आपके होम लोन की अवधि सीधे 10 साल कम हो जाएगी. म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको टैक्स बचाने में भी मदद मिलेगी. और 10 साल पहले कर्ज से मुक्त हो जाने पर आप टेंशन फ्री होकर दूसरी वित्तीय जिम्मेदारियां पूरी कर पाएंगे.
आप एक लंपसम अमाउंट भरकर भी अपना होम लोन टर्म कम करा सकते हैं. अगर आपके पास अचानक एक्स्ट्रा कैश की व्यवस्था हो जाए. जैसे, किसी पुश्तैनी संपत्ति के बंटवारे से, किसी पुराने इन्वेस्टमेंट की मैच्योरिटी से, पिता या मां अपनी रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि में से कुछ हिस्सा स्वेच्छा से दे दें या फिर अन्य किसी संयोग से आपके पास एक्सट्रा कैश उपलब्ध हो जाए, जिसकी आपको लंबे समय तक जरूरत नहीं पड़ने वाली, तो आप अपने बैंक से बात करके एडिशनल पेमेंट कर सकते हैं.
आप एक्स्ट्रा लंपसम अमाउंट भरकर अपना लोन जल्दी बंद करवा सकते हैं. लंपसम अमाउंट पे मतलब वन टाइम पेमेंट, जिसमें आप एक बड़ा अमाउंट बैंक को दे देते हैं और इससे आपका प्रिंसिपल अमाउंट कवर हो जाता है और ब्याज भी कम हो जाता है. बहुत सारे लोग इस तरीके का इस्तेमाल करते हैं.