'अपना घर' – ये ख्वाब भला किसका नहीं होता! हर किसी के दिल में ये ख्वाहिश होती है कि एक दिन अपने नेमप्लेट वाले घर में सुकून से रहें, लेकिन सपने देखना तो आसान है, असल खेल है, उन्हें हकीकत में बदलने का और जब रियल एस्टेट के दाम रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हों, तब तो बिना सही फाइनेंशियल प्लानिंग के ये सपना पूरा नहीं होने वाला.
अब सोचिए, प्रॉपर्टी के रेट्स लगातार ऊपर जा रहे हैं, कल जो घर 50 लाख रुपये का था, वो आज 75 लाख का हो चुका है. ऐसे में हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना तो ठीक नहीं, लेकिन परेशान मत होइए! अगर आप थोड़ा स्मार्ट तरीके से निवेश करना शुरू करें, तो अगले 5 साल में अपने सपनों के घर के लिए डाउन पेमेंट जुटाना कोई मुश्किल बात नहीं.
बस थोड़ी प्लानिंग, थोड़ा अनुशासन और सही इन्वेस्टमेंट ऑप्शन – खेल बन जाएगा आपके फेवर में!
घर खरीदने के लिए सबसे पहले आपको अपनी जरूरत और क्षमता को समझना जरूरी है. एक्सपर्ट्स इसके लिए 50-30-20 के नियम का पालन करने की सलाह देते हैं. यानी आपकी आय का 50% हिस्सा जरूरी खर्चों में जाए, 30% आपकी इच्छाओं यानी शौक-मौज के लिए और बाकी 20% सेविंग्स और कर्ज चुकाने के लिए रखें.
अगर आपका मकसद अगले 5 साल में घर खरीदना है, तो बेहतर होगा कि आप अभी से बचत शुरू कर दें. ये लंबी अवधि का कमिटमेंट है, इसलिए समय रहते प्लानिंग करने से आपके ऊपर फाइनेंशियल दबाव कम रहेगा. जरूरत पड़ी तो आप अपने खर्च करने की आदतों में बदलाव कर सकते हैं और 50-30-20 नियम में सेविंग्स का हिस्सा बढ़ा सकते हैं.
ये एक अहम सवाल है कि आखिर कितना होम लोन लेना सही रहेगा? इसके लिए '20-30-40' रूल को समझना होगा. इस नियम के मुताबिक:
20: लोन की अवधि 20 साल से ज्यादा न हो.
30: आपकी EMI, आपकी इन-हैंड सैलरी का 30% से ज्यादा न हो.
40: घर की कीमत का कम से कम 40% डाउन पेमेंट के तौर पर देना चाहिए.
यानी अगर आप लोन का बोझ कम रखना चाहते हैं तो कोशिश करें कि कम से कम 30-40% रकम एडवांस में दे दें. इससे लंबे समय तक EMI देने में तनाव नहीं रहेगा.
मान लीजिए आपकी इन-हैंड सैलरी 10 लाख रुपये सालाना है. तो '20-30-40' नियम के हिसाब से आप 30 लाख रुपये से ज्यादा का लोन न लें तो बेहतर है. 20 साल के लिए 8.5% ब्याज दर पर आपकी EMI लगभग 3 लाख रुपये सालाना रहेगी. हालांकि ये कोई जरूरी नियम नहीं है, बस सुझाव है ताकि लोन चुकाने में दिक्कत न हो.
भारतीय बैंक आमतौर पर प्रॉपर्टी के मूल्य का 60% तक लोन देते हैं. यानी आपकी 10 लाख सालाना आय पर आप 50 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं. अब अगर आप 75 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 25-30 लाख रुपये डाउन पेमेंट के तौर पर जुटाने होंगे.
अब सवाल आता है कि अगले 5 साल में 25-30 लाख रुपये कैसे जमा करें? इसके लिए आपको ऐसे निवेश विकल्प चुनने होंगे जो बेहतर रिटर्न भी दें और ज्यादा रिस्क भी न हो.
अगर आप म्यूचुअल फंड्स में SIP के जरिए निवेश करते हैं, तो ये अच्छा तरीका हो सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इक्विटी फंड्स में निवेश जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए डेट म्यूचुअल फंड्स एक सुरक्षित विकल्प हैं. अगर आप किसी ऐसे डेट फंड में निवेश करते हैं, जो सालाना 13% तक का रिटर्न दे रहा हो, तो आप महीने के करीब 30,500 रुपये SIP में डालकर 5 साल में लगभग 25.35 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. ये रकम आपके डाउन पेमेंट के लक्ष्य के बराबर होगी.
सोना भी एक अच्छा निवेश विकल्प है. 2023 में सोने ने करीब 13.1% का रिटर्न दिया, जबकि पिछले साल ये रिटर्न 26% तक रहा. यानी अगर आप सोने में निवेश करते हैं और उसे लंबे समय तक होल्ड करते हैं, तो अच्छा रिटर्न मिल सकता है. हालांकि ये आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है.
घर खरीदने का सपना पूरा करने के लिए सही समय पर प्लानिंग करना जरूरी है. बस अपनी इनकम, खर्च और निवेश को बैलेंस करना सीखें. अगर आप अनुशासन के साथ सेविंग्स और निवेश करेंगे तो 5 साल में डाउन पेमेंट का इंतजाम आसानी से कर सकते हैं.