ADVERTISEMENT

क्या डेट फंड SIP महंगाई को दे सकती है मात, या फिर FD है बेहतर विकल्प? रिटर्न चार्ट देखकर लें फैसला

पिछले कुछ महीनों के दौरान रिटर्न के मामले में डेट फंड SIP ने कमबैक किया है. हाल में आई तेजी के कारण इनके लॉन्ग टर्म रिटर्न चार्ट में भी सुधार आया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:41 AM IST, 17 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और इंडेक्सेशन का लाभ खत्म हो जाने के बावजूद क्या डेट फंड्स एसआईपी (Debt Fund SIP) अब भी निवेश का बेहतर मौका मुहैया करा रहे हैं? इस सवाल का जवाब देने के लिए इनके रिटर्न को जानना जरूरी है. दरअसल, पिछले कुछ महीनों के दौरान रिटर्न के मामले में डेट फंड SIP ने कमबैक किया है. हाल में आई तेजी के कारण इनके लॉन्ग टर्म रिटर्न चार्ट में भी सुधार आया है. 5 साल की अवधि में कई ऐसी स्कीम हैं, जिनके रिटर्न ने महंगाई को मात दी है. यही वजह है कि FD और RD जैसे परंपरागत निवेश को डेट फंड SIP कड़ी टक्कर दे रहे हैं. 

डेट फंड और FD और दोनों ही ऐसे फिक्स्ड-इन्‍कम इंस्ट्रूमेंट हैं, जिनमें अन्य विकल्पों के मुकाबले ज्यादा स्टेबल यानी स्थिर रिटर्न की उम्मीद रहती है. डेट फंड में रिस्क भले ही FD से कुछ अधिक होता हो, लेकिन लंबी अवधि में इनके रिटर्न भी FD के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना रहती है. पिछले 5 साल के रिटर्न को देखें तो बहुत सी ऐसी स्कीम्स हैं, जो FD के मुकाबले बेहतर रिटर्न देकर महंगाई को मात देने में सफल रही हैं.

कहां मिल रहा है ज्यादा रिटर्न

5 साल के रिटर्न की तुलना करें तो कई डेट फंड ऐसे हैं, जो FD से बेहतर रिटर्न दे रहे हैं. 5 साल के FD पर जहां 6.20 फीसदी से 7% तक सालाना ब्याज मिल रहा है, वहीं डेट फंड में 7.8% से 12% तक रिटर्न मिल रहा है. हालांकि, यहां यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि 100% डेट में इनवेस्ट करने वाली स्कीम का रिटर्न 7% से ज्यादा नहीं है.

डेट फंड्स में क्यों लौट रही है रौनक

पिछले 12 से 15 महीनों के दौरान ज्यादातर सेंट्रल बैंकों ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में लगातार इजाफा किया. लेकिन अब कई सेंट्रल बैंकों ने दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला रोकना यानी पॉज लेना शुरू कर दिया है. घरेलू स्तर पर RBI ने भी लगातार दूसरी बार दरों में बदलाव नहीं किया है. ज्यादातर एक्सपर्ट अब मान रहे हैं कि रेट हाइक का दौर खत्म हो रहा है और आने वाले दिनों में ब्याद दरों में कटौती की उम्मीद भी बन रही है. इसी वजह से डेट मार्केट को सपोर्ट मिल रहा है. खासतौर पर शॉर्ट ड्यूरेशन वाले फंड बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

निवेशकों को कहां लगाने चाहिए पैसे?

मौजूदा समय में ज्यादातर प्रमुख बैंक 5 साल के FD पर 6 से 7% तक ब्याज दे रहे हैं. FD पर मिलने वाला रिटर्न पहले से फिक्स होता है. एक बार FD में निवेश कर दिया, तो रिटर्न पूरे टेन्योर में नहीं बदलता. 5 साल के ज्यादातर FD में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्‍स छूट का लाभ मिलता है. लेकिन मैच्योरिटी पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है. टैक्स सेविंग एफडी में निवेश पर 5 साल का लॉक-इन होने की वजह से लिक्विडिटी की समस्या हो सकती है. ब्‍याज से होने वाली आय एक साल में 40 हजार रुपये से ज्यादा है तो बैंक 10% TDS काटते हैं. 

दूसरी ओर डेट फंड रिटर्न की गारंटी नहीं देते. ब्याज दरों में उतार चढ़ाव से रिटर्न प्रभावित होता है. डेट फंड ज्यादातर निवेश बॉन्ड और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में करते हैं. ऐसे में अगर ब्याज दरें नीचे आती हैं तो बॉन्ड की कीमत बढ़ सकती है. जिससे डेट पर रिटर्न बेहतर होता है. लिक्विडिटी के मामले में डेट फंड बेहतर विकल्‍प हैं.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT