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म्यूचुअल फंड SIP में हो रहा है घाटा, तो निवेश के ये 7 मंत्र गांठ बांध लें, बन जाएगा काम

यहां हम कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिन पर ध्यान देकर आप SIP में हुए नुकसान से उबर सकते हैं और निवेश को सही दिशा में जारी रख सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:44 PM IST, 28 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने वालों को जानकार अक्सर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश की सलाह देते हैं. छोटी-छोटी रकम से नियमित निवेश करने की सुविधा के अलावा कॉस्ट एवरेजिंग इसकी बड़ी वजह है. लेकिन कई बार SIP के जरिये निवेश करने पर भी घाटा हो जाता है.

ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि तरीका कोई भी हो, अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा आखिरकार शेयर बाजार में ही लगता है, जहां उतार-चढ़ाव आम बात है. बाजार में गिरावट आने पर SIP में घाटा हो सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि घबराकर निवेश को रोक दिया जाए.

यहां हम कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिन पर ध्यान देकर आप SIP में हुए नुकसान से उबर सकते हैं और निवेश को सही दिशा में जारी रख सकते हैं.

1. धैर्य रखें

निवेश में धैर्य सबसे महत्वपूर्ण है. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है, और शॉर्ट-टर्म में गिरावट का मतलब ये नहीं कि आपको नुकसान के डर से निवेश बंद कर देना चाहिए. इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय लंबे समय के लिए सोचें. बाजार में अक्सर शॉर्ट टर्म में अस्थिरता होती है, लेकिन लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न की संभावना अधिक होती है. इसलिए, SIP को जारी रखना और बाजार के ट्रेंड का इंतजार करना बेहतर होता है.

2. हड़बड़ी में बिकवाली से बचें

अक्सर निवेशक बाजार में गिरावट आने पर अपने म्यूचुअल फंड की यूनिट बेचने लगते हैं. लेकिन ये सही रणनीति नहीं है. SIP का सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें रुपी कॉस्ट एवरेजिंग यानी औसत लागत का फायदा मिलता है. जब बाजार नीचे होता है, तो आप कम कीमत पर अधिक यूनिट खरीद सकते हैं. इससे आपको भविष्य में बाजार की संभावित उछाल का लाभ मिलेगा. अगर आप जल्दबाजी में यूनिट बेचते हैं, तो आप इस लाभ से वंचित रह सकते हैं.

3. अपने फंड के प्रदर्शन की समीक्षा करें

अगर आपका म्यूचुअल फंड निगेटिव रिटर्न दे रहा है, तो घबराने की बजाय उसकी तुलना उसी कैटेगरी के दूसरे फंड्स से करें. अगर आपके फंड का प्रदर्शन बाकी फंड्स की तुलना में थोड़ा कम है, तो उसे जारी रखना ठीक हो सकता है. लेकिन अगर आपका फंड बहुत खराब प्रदर्शन कर रहा है, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर दूसरे फंड में स्विच करने पर विचार कर सकते हैं.

4. बाजार के ट्रेंड को पहचानें

म्यूचुअल फंड निवेश में बाजार का ट्रेंड पहचानना बहुत जरूरी है. अगर बाजार में बुल ट्रेंड यानी तेजी का रुझान चल रहा है, तो आपके फंड की वैल्यू बढ़ने की संभावना है. वहीं, बियर ट्रेंड यानी मंदी का रुझान जारी रहने पर बाजार और गिर सकता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपको निवेश रोक देना चाहिए. SIP के जरिए निवेश करने वालों को आप दोनों ही रुझानों में निवेश करते रहना चाहिए, जिससे लंबी अवधि में बेहतर औसत रिटर्न मिलता है.

5. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें

सफल निवेश के लिए डायवर्सिफिकेशन यानी निवेश का विविधीकरण बहुत जरूरी है. अगर आपने अपना पूरा पैसा एक ही फंड में लगाया है, तो जोखिम अधिक हो सकता है. बेहतर होगा कि आप अपने पोर्टफोलियो में मल्टी कैप, फ्लेक्सी कैप और डेट फंड्स को शामिल करें. इससे बाजार में गिरावट आने पर एक एसेट क्लास के खराब प्रदर्शन का असर दूसरे पर कम पड़ता है.

6. सेक्टर और स्टॉक के बारे में रिसर्च करें

किसी भी फंड में निवेश करने से पहले उस फंड के पोर्टफोलियो और उससे जुड़े सेक्टर के बारे में अच्छी तरह रिसर्च करें. फंड में शामिल कंपनियों की ग्रोथ और लॉन्ग टर्म क्षमता को ध्यान में रखें. इसके अलावा, फंड के एक्सपेंस रेशियो, पिछले प्रदर्शन और आउटलुक का विश्लेषण करें. अगर आपको फंड में कोई कमी लगे, तो अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.

7. समय-समय पर निवेश का रिव्यू करें

SIP में निवेश शुरू करने के बाद उसे समय-समय पर रिव्यू करना भी जरूरी है. आपके लक्ष्य, बाजार की स्थिति और फंड के प्रदर्शन में अगर कोई बदलाव हो रहा है, तो आपको अपनी निवेश रणनीति में बदलाव करना चाहिए. बिना रिव्यू के निवेश को लंबे समय तक छोड़ देना आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकता है.

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