म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने उन रिपोर्ट्स को भ्रामक बताया है, जिनमें ये दावा किया गया है कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कैंसिलेशन रेश्यो अप्रैल 2025 में 300% के पार चला गया है. NDTV प्रॉफिट को AMFI यानी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया ने इसे लेकर विस्तार से सफाई जारी की है.
AMFI के CEO वेंकट चलसानी ने बताया कि हमने अप्रैल में कई निष्क्रिय अकाउंट्स को बंद किया, ये वन-टाइम प्रैक्टिस है. ऐसा हमें SEBI के नियमों का पालन करने के लिए किया है. जो ये कहता है कि डेली, वीकली, 15 दिन और मंथली SIP के लिए अगर लगातार तीन SIPs फेल हो जाती हैं, तो SIP को बंद के रूप में माना जाना चाहिए. जबकि तिमाही, छमाही में जमा होने वाली SIP अगर दो बार चूक जाएं तो उन्हें भी बंद SIP मान लेना चाहिए.
AMFI के अप्रैल डेटा के मुताबिक म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री ने अप्रैल में 1.62 करोड़ निष्क्रिय SIP फोलियो को अपनी बुक से हटाया है. जबकि 46 लाख नई SIPs रजिस्टर्ड हुई हैं. कितनी SIP हटाई गईं और कितनी नई जुड़ीं, इसका रेश्यो ही कैंसिलेशन रेश्यो कहलाता है. जो कि इस केस में 300% से ज्यादा है. 300% कैंसिलेशन रेश्यो होने का मतलब है कि एक SIP जुड़ने के मुकाबले, तीन SIP कैंसिल हुईं हैं या सिस्टम से हटी हैं.
आगे बढ़ने से पहले कुछ डेटा पर नजर डालना जरूरी है, अप्रैल में नई SIP रजिस्टर्ड 46 लाख हैं, और बंद होने वाली SIPs 1.62 करोड़ हैं. डेटा ये दिखाता है कि जनवरी 2025 के बाद से नई SIPs की संख्या बंद होने वाली SIPs की संख्या से हमेशा कम है, लेकिन ये अंतर बहुत ज्यादा नहीं है. कैंसिलेशन रेश्यो 110-125 के इर्द-गिर्द रहा है.
मार्च 2025 में 40 लाख नई SIPs जोड़ी गई हैं. जबकि अप्रैल में ये संख्या 46 लाख है, यानी 6 लाख SIP ज्यादा ही जोड़ी गई हैं. जबकि मार्च में बंद होने वाली SIP की संख्या महज 51 लाख ही थी, जबकि अप्रैल में ये अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 1.62 करोड़ हो गई, जिसकी वजह है म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ओर से किया गया वन-टाइम क्लीन अप, जैसा कि AMFI के CEO चलसानी ने बताया है.
इसके अलावा, कुल SIPs 31 मार्च तक 10.05 करोड़ के मुकाबले 14 मई तक 8.89 करोड़ थी, लेकिन अप्रैल में कंट्रीब्यूटिंग SIP अकाउंट्स 27 लाख बढ़कर 8.38 करोड़ हुए है. इसके अलावा, अप्रैल में SIPs में ग्रॉस इनफ्लो ने नया रिकॉर्ड हाई बनाया है. मंथली SIP योगदान अप्रैल 2025 में 26,632 करोड़ रुपये रहा है, जो कि रिकॉर्ड हाई है. अप्रैल 2024 में ये 20,371 करोड़ रुपये था.
चलसानी ने बताया कि लगातार कोशिशों के बावजूद कई निष्क्रिय SIPs फोलियो को पहले औपचारिक रूप से निष्क्रिय नहीं किया गया था, वो इंडस्ट्री लेवल पर डेटा में मौजूद थे, जिससे सक्रिय SIP खातों की सख्या बढ़ गई, इसलिए इसका समाधान जरूरी था. ताकि
सटीक और रेगुलेटरी कंप्लायंट SIP अकाउंट डेटा दिखाई दे
बढ़ा-चढ़ाकर दिख रही निवेशक भागीदारी मीट्रिक खत्म हो
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में पारदर्शिता और एकरूपता तय हो
जब उनसे पूछा गया कि खातों की सफाई का अभियान अप्रैल में ही क्यों किया गया, तो उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष से ये प्रक्रिया चल रही है और पिछले कुछ महीनों में इसमें तेजी आई है. उन्होंने साफ किया कि ये सिर्फ वन-टाइम प्रैक्टिस है, यानी सिर्फ एक बार के लिए है. जो सिर्फ उन SIP के लिए है, जो SEBI के दिशा-निर्देशों से पहले फेल हो गए थे, लेकिन सिस्टम से बाहर नहीं किए गए थे. आगे चलकर एक ऐसा सिस्टम भी लाया जाएगा जिससे AMC फेल SIP की ऑटोमैटिक पहचान कर लेंगी. इसका मतलब ये हुआ कि
SIP फोलियो जो फेल होने के क्राइटेरिया में आएंगे, फेल हो जाएंगे और नियमित रूप से तुरंत ही निष्क्रिय भी हो जाएंगे
ऐसे में अगर कंप्लायंस लगातार चलता रहा तो ऐसे के किसी भी बड़े पैमानें पर क्लीन-अप की जरूरत नहीं रह जाएगी
भविष्य के SIP फोलियो डेटा में अब निवेशक एक्टिविटी का एक साफ और रियल टाइम नजारा दिखाई देगा
AMFI CEO ने बताया कि इस वन-टाइम क्लीन अप से निवेश के प्रवाह पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये पूरी तरह से अकाउंट के स्तर पर है, इसका ट्रांजैक्शनल या इनफ्लो लेवल से कोई लेना-देना नहीं है. चलसानी ने कहा कि जिन SIPs को हटाया गया है या मान्यता रद्द की गई है, वो SIP इनफ्लो में कोई योगदान नहीं दे रहे थे, क्योंकि वो पहले ही कई किस्तों में फेल हो चुके थे और उन्होंने फंड भेजना बंद कर दिया था. इसलिए इसका SIP कलेक्शन, मंथली इनफ्लो ट्रेंड पर कोई असर नहीं है.