SBI की इस म्यूचुअल फंड स्कीम ने कैसे बनाया करोड़पति, 19 साल में दिया 6 गुना रिटर्न इक्विटी म्यूचुअल फंड को शेयर बाजार में लंबी अवधि तकनियमित निवेश के जरिये अच्छा मुनाफा कमाने का बेहतरीन तरीका माना जाता है. SBI म्यूचुअल फंड की एक इक्विटी स्कीम ने अपने प्रदर्शन से इस मान्यता को सही साबित किया है.
19 साल पुरानी इस स्कीम का नाम है SBI फोकस्ड इक्विटी फंड, जो एक ओपन एंडेड स्कीम है. इस स्कीम ने लॉन्च के समय किए गए एकमुश्त निवेश पर सालाना 16.18% की दर से रिटर्न दिया है. इस स्कीम में इसी अवधि के दौरान सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए किए गए निवेश पर मिला एन्युलाइज्ड रिटर्न 16.5% रहा है.
SBI म्यूचुअल फंड की इस स्कीम पर लॉन्च से अब तक 16.5% के एन्युलाइज्ड SIP रिटर्न का मतलब ये है कि अगर किसी इनवेस्टर ने 19 साल पहले इस स्कीम में हर महीने 10 हजार रुपये का निवेश शुरू किया होगा, तो उसकी फंड वैल्यू अब 1,36,03,762 रुपये यानी करीब 1.36 करोड़ रुपये हो चुकी होगी.
जबकि इतने साल में SIP के जरिए उसने अपनी जेब से करीब 22 लाख 80 हजार रुपये ही लगाए होंगे. इस हिसाब से देखें तो SBI फोकस्ड इक्विटी फंड ने पिछले 19 साल में SIP के जरिए किए गए निवेश पर करीब 6 गुना रिटर्न दिया है.
इसी म्यूचुअल फंड स्कीम में अगर किसी इनवेस्टर ने 19 साल पहले 1 लाख रुपये का अपफ्रंट इनवेस्टमेंट करने के बाद हर महीने 10 हजार रुपये SIP के जरिए डाले होंगे, तो उसके फंड की वैल्यू अब तक 1,50,81,081 रुपये हो चुकी होगी.
जबकि 19 साल में उसने इस स्कीम में अपनी तरफ से कुल मिलाकर 23 लाख 80 हजार रुपये ही लगाए होंगे. ये रकम उसके अपने निवेश की तुलना में करीब 6.37 गुना है. SBI फोकस्ड इक्विटी फंड के रिटर्न से जुड़े ये सभी कैलकुलेशन इस स्कीम के रेगुलर प्लान के हैं.
स्कीम का पोर्टफोलियो इक्विटी स्कीम होने की वजह से SEBI के नियमों के तहत इसका कम से कम 65% हिस्सा इक्विटी में निवेश करना जरूरी है.
पोर्टफोलियो में इक्विटी की हिस्सेदारी इससे कहीं ज्यादा है. लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक फिलहाल स्कीम का 96.68% फंड इक्विटी में लगा है. इसके पोर्टफोलियो में स्टॉक्स की कुल संख्या 24 है.
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से देखें, तो SBI फोकस्ड इक्विटी फंड के पोर्टफोलियो का 72.85% हिस्सा लार्जकैप शेयरों में निवेशित है, जबकि मिडकैप शेयर 26.07% और स्मॉल कैप शेयर सिर्फ 1% हैं. स्कीम का एसेट अंडर मैनेजमेंट 34,833 करोड़ रुपये है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. उनके पिछले प्रदर्शन को भविष्य में भी वैसे ही रिटर्न देने की गारंटी नहीं माना जा सकता. इसलिए निवेशकों को किसी भी इक्विटी फंड में निवेश का फैसला करने से पहले अपने रिस्क प्रोफाइल का ध्यान रखना चाहिए.
ये समझना भी जरूरी है कि म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि यानी कम से कम 5-7 साल तक नियमित निवेश करने पर बढ़िया रिटर्न मिलने की संभावना अधिक रहती है. साथ ही SIP के जरिये निवेश को लंबी अवधि में मार्केट रिस्क को कम रखते हुए बेहतर रिटर्न हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है.
(Data Source : AMFI, Value Research)