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सबसे कम 'लॉक इन' में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली टैक्स सेविंग स्कीम्स, टॉप 5 ELSS ने दोगुना कर दिया पैसा

SEBI के नियमों के मुताबिक, ELSS का कम से कम 80% हिस्सा इक्विटी यानी शेयर में निवेश किया जाता है. बाकी का हिस्सा अन्य एसेट्स में लगाया जा सकता है. ELSS की सबसे बड़ी खासियत इसका लॉक-इन पीरियड है, जो सिर्फ 3 साल होता है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:10 PM IST, 03 Dec 2024NDTV Profit हिंदी
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वित्त वर्ष 2024-25 को खत्म होने में अब सिर्फ 4 महीने बचे हैं, और ये समय है अपने टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट पर ध्यान देने का. टैक्स बचाने के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS).

अच्छी बात ये है कि ELSS में निवेश करने पर आपको टैक्स में छूट के साथ ही साथ आकर्षक रिटर्न भी मिलता है. देश के टॉप 5 ELSS फंड्स ने बीते 3 साल में अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं. इनमें से कुछ ने तो एकमुश्त निवेश को 3 साल में दोगुना तक कर दिया है. आइए जानते हैं इस स्कीम की खासियतें, टैक्स बेनिफिट और टॉप फंड्स के प्रदर्शन के बारे में.

ELSS: टैक्स सेविंग और रिटर्न का बेहतर विकल्प

ELSS को खासतौर पर टैक्स सेविंग के साथ-साथ वेल्थ क्रिएशन के लिए डिजाइन किया गया है. SEBI के नियमों के मुताबिक, ELSS का कम से कम 80% हिस्सा इक्विटी यानी शेयर में निवेश किया जाता है. बाकी का हिस्सा अन्य एसेट्स में लगाया जा सकता है.

ELSS की सबसे बड़ी खासियत इसका लॉक-इन पीरियड है, जो सिर्फ 3 साल होता है. ये अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स की तुलना में सबसे कम है. हालांकि, अगर आप इसमें 5 साल या उससे ज्यादा समय तक निवेश बनाए रखें, तो यह वेल्थ क्रिएशन के लिहाज से और भी बेहतर रहेगा.

ELSS पर कितना मिलता है टैक्स बेनिफिट

ELSS में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. एक वित्त वर्ष में आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट का लाभ उठा सकते हैं. लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद यूनिट्स बेचने पर होने वाले मुनाफे पर भी टैक्स छूट मिलती है. 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर कोई टैक्स नहीं लगता. इससे अधिक मुनाफे पर सिर्फ 12.5% की दर से LTCG टैक्स लगता है, जो अन्य हायर टैक्स स्लैब से कम है.

टॉप 5 ELSS फंड्स: 3 साल में शानदार रिटर्न

पिछले 3 साल के दौरान कई ELSS फंड्स ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए हैं. टॉप 5 ELSS फंड्स और उनके प्रदर्शन का डिटेल आप नीचे देख सकते हैं.

1. मोतीलाल ओसवाल ELSS टैक्स सेवर (डायरेक्ट प्लान)

  • 3 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 27.94%

  • 1 लाख रुपये के निवेश की मौजूदा वैल्यू: 2,09,420 रुपये

2. SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी (डायरेक्ट प्लान)

  • 3 साल का औसत सालाना रिटर्न: 26.12%

  • 1 लाख रुपये के निवेश की मौजूदा वैल्यू: 2,00,610 रुपये

3. HDFC ELSS टैक्स सेवर (डायरेक्ट प्लान)

  • 3 साल का औसत सालाना रिटर्न: 23.43%

  • 1 लाख रुपये के निवेश की मौजूदा वैल्यू: 1,88,045 रुपये

4. ITI ELSS टैक्स सेवर (डायरेक्ट प्लान)

  • 3 साल का औसत सालाना रिटर्न: 22.41%

  • 1 लाख रुपये के निवेश की मौजूदा वैल्यू: 1,83,422 रुपये

5. JM ELSS टैक्स सेवर (डायरेक्ट प्लान)

  • 3 साल का औसत सालाना रिटर्न: 21.58%

  • 1 लाख रुपये के निवेश की मौजूदा वैल्यू: 1,79,716 रुपये

हमने सालाना रिटर्न के सभी आंकड़े एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) से लिए हैं, जो 29 नवंबर तक अपडेटेड हैं. रिटर्न के आधार पर 1 लाख के निवेश की 3 साल बाद फंड वैल्यू को म्यूचुअल फंड रिटर्न कैलकुलेटर की मदद से कैलकुलेट किया गया है.

ELSS में निवेश के फायदे और रिस्क

ELSS उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो टैक्स बचाने के साथ-साथ अपने पैसे को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. 3 साल के सबसे कम लॉक-इन पीरियड और आकर्षक रिटर्न की वजह से यह स्कीम अन्य विकल्पों से अलग है. लेकिन इसके साथ ही ELSS का 80% हिस्सा इक्विटी में निवेश होने के कारण इस स्कीम को ‘बहुत अधिक जोखिम’ (Very High Risk) वाली कैटेगरी में रखा जाता है.

मार्केट के उतार-चढ़ाव का इस पर सीधा प्रभाव पड़ता है. हालांकि, सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए लंबे समय तक निवेश किया जाए, तो यह रिस्क कुछ कम किया जा सकता है. फिर भी निवेश करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता का आकलन करना और भरोसेमंद और मान्यता प्राप्त वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना बेहद जरूरी है.

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