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सिर्फ SIP से नहीं चलेगा काम, Top Up-SIP से 20 साल में दोगुनी हो जाएगी रकम

सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश की ऐसी व्यवस्था है, जहां आप किसी स्‍कीम में अपना पैसा एक साथ लगाने की बजाय, हर महीने किस्तों में इनवेस्ट करते हैं. मंथली इनवेस्टमेंट के लिए तय रकम को अगर आप साल-दर-साल बढ़ाते जाएं, तो उसे टॉप-अप या स्टेप अप SIP कहते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:52 AM IST, 09 Mar 2024NDTV Profit हिंदी
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लंबी दूरी की रेस जीतनी हो, तो शुरुआत छोटे स्टेप और कम रफ्तार के साथ की जाती है और फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई जाती है. यही स्‍ट्रैटेजी आप निवेश और बचत में लाकर बड़े से बड़े फाइनेंशियल टारगेट हासिल कर सकते हैं. निवेश के मामले में इस रणनीति का अच्छा उदाहरण है SIP का टॉप-अप (Top Up) या स्टेप-अप (Step-Up) प्लान.

इस प्लान में निवेशक अपनी SIP की रकम को हर तय अनुपात में बढ़ाते जाते हैं. निवेश के इस तरीके से आप नॉर्मल SIP के मुकाबले कहीं अधिक फायदा पा सकते हैं.

क्या है टॉप-अप SIP?

सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश की ऐसी व्यवस्था है, जहां आप किसी स्‍कीम में अपना पैसा एक साथ लगाने की बजाय, हर महीने किस्तों में इनवेस्ट करते हैं. मंथली इनवेस्टमेंट के लिए तय रकम को अगर आप साल-दर-साल बढ़ाते जाएं, तो उसे टॉप-अप या स्टेप अप SIP कहते हैं.

उदाहरण के लिए, आपने 10,000 रुपये की SIP से निवेश शुरू किया और 1 साल तक हर महीने 10,000 रुपये जमा करते रहे. इसके बाद अगले एक साल तक, यानी 13वें से 24वें महीने तक आपने इस रकम को 10% बढ़ा दिया. ऐसे में 13वें से 24वें महीने तक आप 10,000 रुपये की जगह 11,000 रुपये मंथली जमा करेंगे. इसके बाद 25वें महीने से आपके SIP की रकम एक बार फिर से 10% बढ़कर 12,100 रुपये हो जाएगी. इसी तरह साल-दर-साल SIP की रकम 10-10% बढ़ती जाएगी.

Top-Up SIP का कैलकुलेशन

टॉप अप SIP का फायदा एक उदाहरण की मदद से समझते हैं - 35 साल के सुरेश ने अपनी बेटी की शादी के लिए अगले 20 साल तक हर महीने 10,000 रुपये SIP का विकल्प चुना. साथ ही उन्होंने यह भी तय किया कि हर साल अपनी इनकम में इजाफा होने के साथ-साथ वे SIP की रकम को 10% बढ़ाते रहेंगे.

दूसरी तरफ, मोहन ने भी 20 साल के लिए 10 हजार रुपये की मंथली SIP के जरिए निवेश करना शुरू किया. लेकिन उन्होंने स्टेप-अप SIP की जगह नॉर्मल SIP का विकल्प चुना.

समझने में आसानी के लिए हम मान लेते हैं कि दोनों ही निवेशकों को अपने निवेश पर सालाना 12% औसत रिटर्न मिला. अब देखते हैं कि 20 साल बाद दोनों निवेशकों के पास कितना फंड जमा होगा.

टॉप-अप SIP और रेगुलर SIP में अंतर ऊपर दिए उदाहरण से साफ है कि SIP को हर साल 10% बढ़ाने पर 20 साल में 68,73,000 रुपये का निवेश हुआ, जिससे कुल 2 करोड़ रुपये का फंड जमा हो गया. यानी करीब 1.30 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. वहीं, रेगुलर SIP के जरिए 20 साल में 24 लाख रुपये का निवेश करने पर 1 करोड़ रुपये जमा हुए. यानी करीब 76 लाख रुपये का फायदा हुआ. इस तरह देखें तो दोनों मामलों में जमा फंड में करीब 71% का अंतर है.

SIP टॉप-अप क्यों करें?

आमतौर पर समय के साथ-साथ लोगों की आमदनी भी बढ़ती है. लिहाजा, अपनी SIP की रकम बढ़ाना आसान हो जाता है. लेकिन बहुत से लोग इनकम बढ़ने के बावजूद निवेश की रकम बढ़ाने में चूक जाते हैं. जिससे वे लंबी अवधि में निवेश का पूरा लाभ नहीं ले पाते. अगर आप अपनी बढ़ी इनकम का एक हिस्सा निवेश के लिए लगातार निकालते रहें तो अपने वित्तीय लक्ष्य बेहतर ढंग से पूरे कर सकते हैं. टॉप अप SIP उनके लिए बेहतर विकल्प है जो अपने पैसे धीरे-धीरे निवेश करना शुरू करते हैं और आमदनी बढ़ाने के साथ ही निवेश में भी इजाफा करना चाहते हैं. नए और अनुभवी, दोनों ही तरह के निवेशक स्टेप-अप एसआईपी का विकल्प चुनकर लंबी अवधि में बड़ा कॉर्पस बना सकते हैं.

(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद किसी म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह देना नहीं है. इक्विटी में निवेश करने में रिस्क भी शामिल होता है, इसलिए निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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