म्यूचुअल फंड्स में हर चार में से एक यूनीक इंडिविजुअल इन्वेस्टर महिला है. जो महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण की बढ़ते ट्रेंड को दर्शाता है, ये बात सामने निकलकर आई है AMFI और क्रिसिल की एक ज्वाइंट रिपोर्ट से. इस रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2024 तक, म्यूचुअल फंड निवेशकों में महिलाओं की हिस्सेदारी 25% रही, जिसे वित्तीय जागरूकता और लक्षित पहलों में बढ़ोतरी से मदद मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पांच सालों में दोगुना से भी ज्यादा हो चुका है. ये मार्च 2019 में 4.59 लाख करोड़ रुपये था, जो कि मार्च 2024 में बढ़कर 11.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स के कुल AUM में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर अब 33% हो चुकी है, इसमें छोटे शहरों से आने वाली महिलाओं की तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी का बड़ा योगदान है. B30 शहरों से महिलाओं का AUM साल 2019 में 20.1% से बढ़कर साल 2024 में 25.2% हो चुका है. ये इस बात को बताने के लिए काफी है कि नॉन-मेट्रो क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड की पहुंच काफी अंदर तक हो चुकी है. B30 शहरों का मतलब है टॉप 30 शहरों (T30) को छोड़कर जो शहर बचे हैं, ये वर्गीकरण की परिभाषा SEBI की ओर से दी गई है.
म्यूचुअल फंड्स में महिलाओं की बढ़ती भागीदार के पीछे रिपोर्ट में जो वजहें बताईं गई हैं उसमें महिलाओं का लेबर पार्टिसिपेशन तेजी से बढ़ना शामिल है, यानी कामकाजी महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है साथ ही, महिलाओं की साक्षरता भी इस ट्रेंड को बढ़ावा देती है. जून 2024 के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के मुताबिक महिलाओं का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट 2017-18 में 23.3% से बढ़कर 2023-24 में 41.7% हो चुका है. ग्रामीण महिलाओं ने इस तरक्की की अगुवाई की है, उनका पार्टिसिपेशन 24.6% से बढ़कर 47.6% हो चुका है.
इसके साथ ही AMFI और असेट मैनेजमेंट कंपनियों ने कई वित्तीय साक्षरता को लेकर मुहिम भी चलाई हैं, इसमें 24 कैम्पेन महिला केंद्रित निवेशकों के लिए जागरुकता प्रोग्राम हैं, जिसे अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान चलाया गया, इस प्रोग्राम को करीब 5,700 महिलाओं तक पहुंचाया गया.
निवेश को लेकर प्राथमिकताएं भी तेजी के साथ बदली हैं. साल 2024 में महिलाओं के कुल AUM में इक्विटी फंड्स में आवंटन बढ़कर 63.7% हो चुका है, जो कि साल 2019 में 43.3% रहा था. जबकि डेट फंड में पार्टिसिपेशन इस दौरान 22.6% से गिरकर 10.7% रहा है. रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि पैसिव इन्वेस्टमेंट रणनीति को लेकर भी दिलचस्पी तेजी के साथ बढ़ी है, खासतौर पर गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड-ETF), जिसमें महिलाओं का AUM साल 2019 में 5.2% से बढ़कर साल 2024 में 24.9% हो गया.
सभी आयुवर्ग में युवा महिलाएं ज्यादा रिस्क ले रही हैं. 25 साल से कम उम्र की महिलाएं अपने AUM का 69.3% हिस्सा इक्विटी में लगा रहीं हैं. जबकि इससे ज्यादा उम्र की महिलाएं ज्यादा संतुलित नजरिया लेकर चल रहीं हैं. महिलाओं का लार्ज कैप में निवेश बीते पांच साल में करीब 6% तक गिरा है, जबकि स्मॉलकैप में निवेश साल 2019 में 6.2% से बढ़कर साल 2014 में 10.2% रहा है.