ADVERTISEMENT

ELSS: सिर्फ लॉक इन पीरियड देखकर न निकालें पैसा, निवेश जारी रखने पर मिलेगा ज्यादा फायदा

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम होने की वजह से इसमें किए गए निवेश पर लॉक-इन पीरियड लागू होता है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:39 PM IST, 20 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) न सिर्फ शेयर बाजार में पैसे लगाने का बेहतर तरीका है, बल्कि इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स (Income Tax) की छूट भी मिलती है. टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम होने की वजह से इसमें किए गए निवेश पर लॉक-इन पीरियड लागू होता है. लेकिन इसका 3 साल का लॉक-इन पीरियड बाकी टैक्स सेविंग स्कीम्स (Tax Saving Schemes) के मुकाबले सबसे कम है. इसका मतलब ये हुआ कि ELSS में टैक्स बचाने के मकसद से लगाए गए पैसे 3 साल के बाद निकाले जा सकते हैं.

लेकिन 3 साल बाद स्कीम में लगाए गए पैसे निकालना जरूरी नहीं है. आप चाहें तो अपने निवेश को आगे भी जारी रख सकते हैं और मार्केट पर आधारित रिटर्न का लाभ लेना जारी रख सकते हैं. यानी 3 साल का लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद इस स्कीम में किया गया निवेश किसी भी ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम की तरह जारी रखा जा सकता है. आपको ऐसा करना चाहिए या नहीं, इसकी पड़ताल हम आगे करेंगे.

ELSS में निवेश और रिटर्न पर लागू टैक्स

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है. आप चाहें तो एक बार में डेढ़ लाख रुपये जमा करने की जगह सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिए मासिक किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं. इससे बाजार की टाइमिंग से जुड़ा रिस्क भी कम हो जाएगा. अगर आप अपने निवेश को 3 साल तक होल्ड करने के बाद बेचते हैं, तो एक वित्त वर्ष के दौरान 1 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) यानी मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये से ज्यादा मुनाफा होने पर भी टैक्सपेयर को अपने स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स नहीं देना पड़ता, बल्कि महज 10 फीसदी की दर से LTCG टैक्स भरना होता है. यानी टैक्स सेविंग के लिहाज से भी ELSS काफी बेहतर स्कीम मानी जा सकती है. एक अच्छी बात ये भी है कि बैंक FD और PPF जैसी टैक्स सेविंग स्कीम की तुलना में ELSS का लॉक-इन पीरियड सबसे कम होता है.

ELSS से कैसे निकालते हैं पैसे?

ELSS का 3 साल का लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद आप बड़ी आसानी से अपने पैसे निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको रिडेम्प्शन रिक्वेस्ट देनी होगी. ये रिक्वेस्ट ऑनलाइन या ऑफलाइन दी जा सकती है. लेकिन ऐसा करते समय आपको एक बात ध्यान में रखनी होगी कि अगर आपने स्कीम में निवेश SIP के जरिए किया है, तो आपकी हर मासिक किस्त का लॉक-इन पीरियड अलग-अलग होगा.

जैसे-जैसे किस्त के 3 साल पूरे होंगे, उसे निकाला जा सकेगा. ऐसे में आप अपने पैसे निकालने के लिए सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. वैसे SWP का इस्तेमाल तो आप एकमुश्त जमा की गई रकम को निकालने के लिए भी कर सकते हैं. इससे आपको न सिर्फ रेगुलर इनकम मिलेगी, बल्कि एवरेजिंग की वजह से पैसे निकालने से जुड़ा मार्केट रिस्क भी कम हो जाएगा.

क्या 3 साल बाद निकालने चाहिए पैसे?

अब आते हैं इस सवाल पर कि क्या आपको ELSS में किए गए अपने निवेश को 3 साल बाद सिर्फ इसलिए निकाल लेना चाहिए, क्योंकि लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है. समझदारी भरा फैसला तो यही होगा कि आप ELSS की अपनी यूनिट्स बेचने का फैसला सिर्फ लॉक-इन पीरियड खत्म होने की वजह से नहीं करें. अगर आपकी स्कीम अच्छा रिटर्न दे रही है और आपको किसी और वजह से पैसों की जरूरत नहीं है, तो स्कीम में निवेश बनाए रखने पर विचार करना चाहिए.

आपको स्कीम से एग्जिट कब करना है यह फैसला लॉक-इन पीरियड के आधार पर नहीं, बल्कि अपनी आर्थिक जरूरतों और निवेश के लक्ष्य को ध्यान में रखकर करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश का पूरा फायदा तभी मिलता है, जब उसमें लंबे समय तक बने रहा जाए. लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखने पर ही कंपाउंडिंग का पूरा लाभ मिलता है.

इक्विटी निवेश से जुड़ा है रिस्क

SEBI की गाइडलाइन्स के मुताबिक किसी भी ELSS स्कीम में कम से कम 80 फीसदी फंड इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश करना जरूरी है. इक्विटी में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. यानी तकनीकी तौर पर ईएलएसएस में इक्विटी निवेश 100 फीसदी तक हो सकता है. यही वजह है कि इसमें निवेश करते समय शेयर बाजार में निवेश से जुड़े रिस्क को भी जरूर ध्यान में रखना चाहिए.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT