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होम लोन पर ब्याज 9% के करीब बने रहने का अनुमान, कैसे कम करें EMI का बोझ?

फ्लोटिंग रेट होम लोन लेने वालों के पास बिना किसी पेनाल्टी के आंशिक प्री-पेमेंट करने की सुविधा भी होती है. ऐसा करके वे अपनी मौजूदा EMI को कम कर सकते हैं या फिर लोन का टेन्योर कम करवा सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी12:41 PM IST, 27 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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कर्ज लेकर घर खरीदने वाले लोग लंबे अरसे से ऊंची ब्याज दरों के बोझ तले पिस रहे हैं. ब्याज दर में कटौती का चक्र शुरू होने में अभी और कितना वक्त लगेगा, कहना मुश्किल है. हर दो महीने बाद रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा ब्याज दरों में राहत मिलने की उम्मीदों पर पानी फेर देती है. दूसरी तरफ कई बैंक अपने ग्राहकों से वसूली जाने वाली ब्याज दरों को चुपके से बढ़ाकर आम लोगों का बोझ बढ़ाते रहते हैं. कुल मिलाकर होम लोन की ब्याज दरें लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं. ऐसे में सवाल ये है कि होम लोन की EMI चुकाने वालों के सामने राहत पाने का क्या कोई उपाय मौजूद है? हम यहां ऐसे ही कुछ उपायों की चर्चा करेंगे.

1. मौजूदा लोन पर ब्याज दर घटाने की कोशिश करें

अगर बैंक से लिया गया आपका होम लोन पुराना है और EBLR (External Benchmark based Lending Rate) के तहत नहीं चल रहा है, तो आपको इसे ठीक करने के लिए कदम उठाना चाहिए. इस बात की बहुत अधिक आशंका है कि आपका बैंक EBLR के तहत कर्ज लेने वाले नए बॉरोअर्स से जितना ब्याज ले रहा है, उससे काफी अधिक आपसे वसूल कर रहा है. आप अपने लेंडर से अपने लोन को EBLR सिस्टम के तहत ट्रांसफर करने के लिए बात कर सकते हैं. इससे आपकी ब्याज देनदारी काफी कम हो सकती है. ब्याज दरों में कटौती शुरू होने पर भी आपको इस नई व्यवस्था का लाभ जल्दी मिलेगा.

2. क्रेडिट स्कोर में सुधार का फायदा उठाएं

अगर कर्ज लेते समय आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं था, तो हो सकता है आपको तुलनात्मक रूप से ऊंची ब्याज दर पर लोन लेना पड़ा हो. लेकिन अगर लोन लेने के बाद आपने अपनी ईएमआई नियमित रूप से चुकाई है, तो आपके क्रेडिट स्कोर में काफी सुधार आया हो सकता है. ऐसे में आप इसका फायदा ले सकते हैं. अपने बेहतर क्रेडिट स्कोर को देखते हुए आप अपने लेंडर से अपने होम लोन की दर कम करने के लिए कह सकते हैं या नए विकल्प भी तलाश सकते हैं.

3. अपना लोन किसी नए लेंडर को ट्रांसफर करें

अगर आपका मौजूदा बैंक या वित्तीय संस्थान ब्याज दर कम करने को तैयार नहीं होता, तो आप बेहतर रेट ऑफर करने वाले दूसरे बैंक के पास अपना लोन ट्रांसफर करा सकते हैं. अगर आपने काफी दिनों से अपनी ब्याज दरों की तुलना दूसरे बैंकों के रेट्स से नहीं की है, तो अब ऐसा करने का सही समय है. अलग-अलग बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के होम लोन की ब्याज दरों में कई बार बड़ा अंतर होता है. इसलिए ठीक से मोलभाव करें, तो मौजूदा ब्याज दर से कम रेट पर लोन मिलने की काफी संभावना हो सकती है. अगर आपका होम लोन फ्लोटिंग रेट वाला है, तो आपको अपना लोन ट्रांसफर कराने पर कोई पेनाल्टी भी नहीं देनी होगी. हां, नए बैंक की प्रोसेसिंग फीस और लीगल फीस जरूर देनी पड़ सकती है. लेकिन अगर आपकी ब्याज दर काफी कम हो जाती है, तो यह खर्च जल्द ही वसूल हो जाएगा.

4. फिक्स्ड से फ्लोटिंग रेट पर जाएं

अगर आपने कुछ साल पहले फिक्स्ड रेट पर लोन लिया था, तो इस बात की काफी संभावना है कि आप अपने लोन पर बहुत अधिक ब्याज भर रहे हैं. लेंडर आमतौर पर फिक्स्ड रेट वाले कर्ज पर 1-2% अधिक ब्याज वसूलते हैं. उदाहरण के लिए अगर आपने 5-7 साल पहले होम लोन लिया होगा, तो जहां फ्लोटिंग रेट वाला लोन 9-9.5% ब्याज पर मिल रहा था, वहीं, फिक्स्ड लोन की ब्याज दर 11-11.5% के आसपास थी. अगर आप आज भी उतना ही ब्याज दे रहे हैं, तो इसे बदलने के बारे में सोच सकते हैं. भविष्य में रेट साइकल बदलने पर जब ब्याज दरें घटेंगी, तो फिक्स्ड और फ्लोटिंग दरों का अंतर और बढ़ जाएगा. अगर आपका मौजूदा बैंक फिक्स्ड रेट लोन को फ्लोटिंग रेट में बदलने और इसके लिए ब्याज दर घटाने को तैयार है, तो आपके लिए यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी.

5. प्री-पेमेंट करके टेन्योर या EMI घटाएं

फ्लोटिंग रेट होम लोन लेने वालों के पास बिना किसी पेनाल्टी के आंशिक प्री-पेमेंट करने की सुविधा भी होती है. ऐसा करके वे अपनी मौजूदा EMI को कम कर सकते हैं या फिर लोन का टेन्योर कम करवा सकते हैं. किसी भी आंशिक प्री-पेमेंट का आपके लोन टेन्योर पर सीधा असर पड़ता है, क्योंकि यह पूरी रकम सीधे बकाया प्रिंसिपल अमाउंट से घटा दी जाती है. इससे लोन की अवधि कम होती है और कर्ज तेजी से खत्म होता है. लेकिन अगर आप कार्यकाल को कम नहीं करना चाहते हैं, तो आप प्री-पेमेंट के बाद अपनी EMI भी कम करवा सकते हैं.

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