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पॉलिसी नहीं पसंद आने पर कर सकते हैं वापस, इन बातों का रखें ध्यान

लुक-इन फैसिलिटी का मतलब है कि पॉलिसी को खरीदने के बाद की वो समय जिसमें पॉलिसीधारक बीमा पॉलिसी को वापस लौटा सकता है.
NDTV Profit हिंदीअर्णव पंड्या
NDTV Profit हिंदी07:44 PM IST, 28 May 2024NDTV Profit हिंदी
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बीमा पॉलिसी में फ्री लुक इन की सुविधा रहती है. इसकी मदद से पॉलिसीधारक को अगर पता चलता है कि पॉलिसी (Insurance Policy) उसकी जरूरतों के मुताबिक सही नहीं है तो वो उसे निर्धारित समय के अंदर लौटा सकता है. ये सुविधा उनके लिए बहुत उपयोगी हो सकती है. लेकिन बहुत से लोग इसके तहत मिलने वाले फायदों का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं.

किसी पॉलिसी को खरीदने से पहले डिटेल्स को सही तरीके से चेक कर लेना चाहिए क्योंकि किसी पॉलिसी को खरीदने का लंबा असर हो सकता है. आइए जानते हैं कि कैसे इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है.

लुक इन पीरियड

लुक इन फैसिलिटी का मतलब है कि पॉलिसी को खरीदने के बाद की वो समय जिसमें पॉलिसीधारक बीमा पॉलिसी को वापस लौटा सकता है. अहम बात ये है कि इसमें पॉलिसीधारक के लिए कोई जुर्माना नहीं लगेगा और पूरा प्रीमियम लौटा दिया जाएगा. इसमें मेडिकल टेस्ट की लागत या इसी तरह के हुए दूसरे खर्च शामिल नहीं होंगे.

फ्री-लुक इन पीरियड 15 दिन का होता है जिसे 1 अप्रैल 2024 के बाद जारी गई पॉलिसी के लिए बढ़ाकर 30 दिन कर दिया गया है. फ्री लुक इन पीरियड पॉलिसी को खरीदे जाने के बाद लागू होता है.

गलत जानकारी देकर बेचने पर रोक

बीमा पॉलिसी से जुड़ी सबसे बड़ी मुश्किल उससे जुड़ी मिस-सेलिंग है. ऐसे कई मामले हैं जिनमें लोगों को एक चीज का वादा किया जाता है लेकिन वो पॉलिसी में मौजूद नहीं होती है. कुछ मामलों में पॉलिसी के फीचर्स उसने अलग होते हैं, जिनका बेचने के समय वादा किया गया था.

ऐसे मामले पॉलिसीधारक को ऐसी स्थिति में डाल देते हैं जिसमें वो पॉलिसी को जारी नहीं रख सकते क्योंकि वो उनकी जरूरत से अलग होती है. इसलिए फ्री लॉक इन पीरियड मददगार होता है क्योंकि इससे ये सुनिश्चित हो सकता है कि पॉलिसीधारक को अपनी जरूरत के हिसाब से चीज मिले और उनका फैसला गलत जानकारी पर आधारित नहीं हो.

पॉलिसी डिटेल्स

अक्सर ऐसी स्थिति होती है जहां बीमा खरीदने वाले व्यक्ति को किसी पॉलिसी की शर्तों के बारे में जानकारी दी जाती है. ऐसा कई बार होता है कि पॉलिसी खरीदने से पहले व्यक्ति उससे जुड़े नियम और शर्तों के बारे में नहीं पड़ता.

जब उसे खरीदा जाता है तो उन्हें पॉलिसी से जुड़ी शर्तों की डिटेल के बारे में जानकारी मिलती है. वो खरीदने के बाद शर्तों को पढ़ सकते हैं. अगर उन्हें कोई शर्त पसंद नहीं आती है या जिसे वो चाहते हैं, उससे अलग होती है. तो ऐसे में वो पॉलिसी को वापस कर सकते हैं.

पॉलिसीधारक क्या करें?

हर व्यक्ति जो बीमा पॉलिसी खरीद रहा है उसे पॉलिसी से जुड़ी शर्तों को समझना होगा. हालांकि ज्यादातर लोग पॉलिसी से जुड़े नियम और शर्तों को पढ़ते तक भी नहीं है. लेकिन उन्हें पॉलिसी से जुड़ी डिटेल्स को समझने के लिए उसे पढ़ना जरूरी है.

इसके बाद वो फ्री-लुक इन पीरियड का इस्तेमाल करके ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें पॉलिसी की जरूरत है या वो बिना कोई वित्तीय नुकसान के अपना फैसला बदल सकते हैं. ये सबसे अहम बात है क्योंकि इससे पैसा बचेगा और उन्हें जबरदस्ती ऐसी किसी चीज को जारी नहीं रखना पड़ेगा जिसकी उन्हें जरूरत नहीं है. वो उस पॉलिसी को खरीद सकते हैं जिसकी उन्हें असल में जरूरत है.

अर्णव पंड्या

(लेखक Moneyeduschool के फाउंडर हैं)

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