इंश्योरेंस पॉलिसी पर लिए गए लोन का री-पेमेंट (Loan Repayments) अब क्रेडिट कार्ड से नहीं कर पाएंगे. IRDAI यानी बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory Development Authority of India) ने इस पर रोक लगा दी है. IRDAI ने हाल ही में इसको लेकर एक सर्कुलर जारी किया है.
ताजा सर्कुलर के अनुसार, अगर किसी ने इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लिया है तो वो इसका भुगतान क्रेडिट कार्ड से नहीं कर पाएंगे. IRDAI ने तत्काल प्रभाव से इस निर्देश को लागू कर दिया गया है.
पुरानी व्यवस्था से बीमाधारकों को नुकसान होता था. क्रेडिट कार्ड से लोन का री-पेमेंट करने पर कंज्यूमर्स को एक महीने का समय मिल जाता है. इसमें उन्हें इंटरेस्ट फ्री लोन तो मिल जाता है, लेकिन अगर वो क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय से नहीं कर पाए तो उन्हें बहुत अधिक इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है. यानी वो फिर से एक कर्ज के जंजाल में फंस जाते हैं.
IRDAI के फैसले के अनुसार, अब कंज्यूमर्स लोन का री-पेमेंट करने के लिए न तो क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर पाएंगे और न ही कर्ज के जाल में फंसेंगे.
इंश्योरेंस रेगुलेटरी बॉडी ने IRDA Act, 1999 के सेक्शन 14 के तहत ये फैसला लिया है और सभी बीमा कंपनियों को तत्काल प्रभाव से निर्देश का पालन करने को कहा है.
IRDAI से पहले PFRDA यानी पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथोरिटी ने भी पिछले साल ऐसा फैसला लिया था. अगस्त 2022 में PFRDA ने नेशनल पेंशन फंड (NPS) के टियर-2 में क्रेडिट कार्ड से योगदान पर रोक लगा दी थी.
इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन, इसके कई फायदों में से एक है. आपने अगर किसी भी तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी करवा रखी है तो आप सरेंडर वैल्यू की 90% राशि तक का लोन ले सकते हैं. पर्सनल लोन की तुलना में इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन जल्दी मिल जाता है और इस पर इंटरेस्ट रेट भी कम होता है.