FY24 के दौरान देश में स्मॉल कैप स्टॉक (Small Cap) भारतीय रिटेल निवेशकों के बीच पसंदीदा बनकर उभरे हैं. शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी से उनके पोर्टफोलियो के वैल्यूएशन में काफी बढ़ोतरी हुई है. FY2023-24 के दौरान स्मॉल-कैप सेक्टर के बहुत सारे शेयरों ने जबरदस्त छलांग लगाई, जिससे उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन में शानदार इजाफा हुआ.
स्मॉल-कैप शेयरों का ऐसा मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger Return) देने वाला प्रदर्शन कोई अनोखी बात नहीं है. ऐसा रुझान पिछले कई बरसों में देखने को मिलता रहा है. एम्पिरिकल रिसर्च से भी यही पता चलता है कि स्मॉल-कैप स्टॉक आम तौर पर लार्ज-कैप शेयरों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
रिटेल निवेशक हमेशा ऐसे स्टॉक की तलाश में रहते हैं जो साल भर में मल्टीबैगर जैसा रिटर्न दें. लार्ज-कैप स्टॉक में ऐसा मल्टीबैगर रिटर्न मिलने की उम्मीद काफी कम रहती है, क्योंकि बाजार में मजबूत स्थिति के कारण उनके वैल्यूएशन पहले से ही हाई रहते हैं.
लेकिन जब स्मॉल कैप शेयरों की बात आती है, तो मल्टीबैगर रिटर्न हासिल करने की संभावना बहुत अधिक होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कंपनियां अक्सर डायनैमिक और तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर्स में काम करती हैं, जिससे स्टॉक प्राइस में तेज ग्रोथ की संभावना ज्यादा होती है.
FY2023-24 के दौरान निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 75% से ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस इंडेक्स में शामिल बहुत सारे शेयरों ने सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया है. इसमें शामिल 56 शेयरों ने तो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 76% से अधिक रिटर्न दिया है. इनमें से 40 स्टॉक्स ऐसे हैं, जिन्हें मल्टीबैगर कहा जा सकता है. हुडको, MRPL, कोचीन शिपयार्ड और IRCON इंटरनेशनल जैसे PSU शेयर 320% से 350% या उससे भी ज्यादा रिटर्न दे चुके हैं.
इनके अलावा 150% से अधिक रिटर्न देने वाले शेयरों में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स, NBCC , हिमाद्री स्पेशलिटी केमिकल, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प, स्वान एनर्जी, NLC इंडिया, अपार इंडस्ट्रीज, ओलेट्रा ग्रीनटेक, हिंदुस्तान कॉपर, JBM ऑटो, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, बिड़ला सॉफ्ट, ITI, इंटेलेक्ट डिजाइन एरीना शामिल हैं. ग्लोबल हेल्थ, गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, एंजेल वन, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसे शेयर भी इसी श्रेणी में शामिल है.
स्मॉल-कैप शेयरों के इस बढ़िया प्रदर्शन का फायदा स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न में भी देखने को मिला है. रिटेल निवेशकों के लिए ये काफी अच्छी बात है, क्योंकि शेयर बाजार में सीधे पैसे लगाकर मुनाफा कमाने की जगह म्यूचुअल में निवेश करना ज्यादा आसान और सुरक्षित रहता है.
हम यहां कुछ ऐसे टॉप स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड्स की जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 50 से 70% या उससे भी ज्यादा रिटर्न दिए हैं. एक ही फंड के आंकड़ों को देखें, तो डायरेक्ट स्कीम के रिटर्न रेगुलर स्कीम से अधिक रहते हैं.
बंधन स्मॉल कैप फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 72.01%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 69.54%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 4,317.56 करोड़ रुपये
महिंद्रा मैनुलाइफ स्मॉल कैप फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 68.70%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 65.84%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 3,554.59 करोड़ रुपये
क्वांट स्मॉल कैप फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 68.22%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 66.51%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 17,080.12 करोड़ रुपये
ITI स्मॉल कैप फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 65.57%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 62.71%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 1,754.39 करोड़ रुपये
निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 56.59%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 55.34%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 45,559.02 करोड़ रुपये
इनवेस्को इंडिया स्मॉल कैप फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 55.37%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 53.24%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 3,634.18 करोड़ रुपये
फ्रैंकलिन इंडिया स्मॉलर कंपनीज़ फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 54.23%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 52.90%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 11,510.66 करोड़ रुपये
सुंदरम स्मॉल कैप फंड
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट) : 51.24%
1 साल का रिटर्न (रेगुलर) : 49.59%
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 2,957.55 करोड़ रुपये
(सोर्स : AMFI, सभी आंकड़े 28 मार्च 2024 तक अपडेटेड हैं)
स्मॉल-कैप शेयर हो या स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड, इनमें मोटे मुनाफे की गुंजाइश भले ही रहती हो लेकिन साथ ही इनमें निवेश को लार्ज कैप और मिडकैप के मुकाबले ज्यादा रिस्की भी माना जाता है. एक और बात, किसी भी शेयर या म्यूचुअल फंड का पिछला प्रदर्शन भविष्य में भी वैसा ही रिटर्न देने की गारंटी नहीं दे सकता.
शेयर बाजार में सीधे निवेश करने की तुलना में म्यूचुअल फंड में पैसे लगाना तुलनात्मक रुप से कम जोखिम भरा होता है. लेकिन स्मॉल कैप फंड हो या इक्विटी में निवेश का कोई और जरिया, निवेश का कोई भी फैसला अपने रिस्क प्रोफाइल यानी जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए.