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UPS Explainer: क्‍या है यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम, क्‍या हैं इसकी खूबियां; ये OPS और NPS से कितना अलग है?

यहां हम UPS के बारे में विस्‍तार से जानेंगे, साथ ही ये भी जानेंगे कि ये OPS यानी ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम और NPS यानी न्‍यू पेंशन स्‍कीम से कितना अलग है.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी08:52 PM IST, 25 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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केंद्रीय कैबिनेट ने पेंशन पर बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी कर्मियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है. इसके तहत रिटायरमेंट के बाद आधी सैलरी के बराबर सुनिश्चित पेंशन मिलेगी. ये स्‍कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और करीब 23 लाख सरकारी कर्मियों को इसका फायदा पहुंचेगा.

यहां हम UPS के बारे में विस्‍तार से जानेंगे, साथ ही ये भी जानने-समझने की कोशिश करेंगे कि ये OPS यानी ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम और NPS यानी न्‍यू पेंशन स्‍कीम से कितना अलग है.

UPS: क्या है यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम?

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) सरकारी कर्मियों के लिए नई पेंशन स्‍कीम है, जिसके तहत एश्योर्ड पेंशन का प्रावधान किया गया है. इसमें फैमिली पेंशन के लिए भी एश्‍योर्ड रकम तय की गई है और महंगाई पर इंडेक्‍सेशन का भी प्रावधान किया गया है.

UPS की सबसे बड़ी खासियत यही है कि ये ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम की तरह पेंशन के तौर पर आधी सैलरी सुनिश्चित करता है. NPS यानी न्‍यू पेंशन स्‍कीम को लेकर असंतोष के बीच केंद्रीय कर्मियों की ये एक बड़ी मांग थी.

UPS की 5 खूबियां 

केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्‍णव ने इसके बारे में बात करते हुए 5 खूबियां बताई है.

  1. सुनिश्चित पेंशन(Assured Pension): ये किसी कर्मचारी के रिटायरमेंट से पहले अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% होगा. कम से कम 25 वर्ष की सर्विस करने वालों को ये राशि मिलेगी. वहीं सर्विस पीरियड कम होने पर ये अनुपातिक रूप से कम होती जाएगी.

  2. सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन (Assured Minimum Pension): 10 वर्ष की सेवा के बाद रिटायरमेंट के मामले में 10,000 रुपये प्रति माह की सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन का प्रावधान किया गया है.

  3. सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन (Assured Family Pension): पेंशनर के निधन के बाद उनके आश्रित को सरकारी कर्मी के पेंशन की 60% रकम फैमिली पेंशन के तौर पर दी जाएगी.

  4. महंगाई सूचकांक (Inflation Indexation): तीनों तरह पेंशनों पर महंगाई राहत (Dearness Relief) मिलेगी. इसका कैलकुलेशन इंडस्ट्रियल लेबर के लिए कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स के आधार पर किया जाएगा. जैसा कि सर्विस होल्‍डर सरकारी कर्मियों के लिए DA के मामले में होता है.

  5. रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान (Lump-Sum Payment): ग्रेच्युटी के अलावा कर्मियों को रिटायरमेंट पर एकमुश्‍त राशि मिलेगी. इसका कैलकुलेशन प्रत्येक 6 महीने की सेवा के लिए रिटायरमेंट के समय मासिक पारिश्रमिक (वेतन+ महंगाई भत्ता) के 10वें हिस्‍से के रूप में किया जाएगा.

2004 में आया NPS, OPS से कितना अलग?

ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम में इंप्‍लाई का कोई कंट्रीब्‍यूशन नहीं होता था. पूरा भार सरकारी खजाने पर पड़ता था. कुछ और भी संशोधनों को जोड़ते हुए पेंशन नीतियों में सुधार के तहत 1 जनवरी, 2004 को NPS ने OPS की जगह ले ली. इस तारीख के बाद सरकार सेवा में शामिल कर्मियों को NPS के तहत रखा गया.

OPS के तहत, केंद्र और राज्‍य सरकार के कर्मियों को अ‍ंतिम प्राप्त मूल वेतन का 50% पेंशन के तौर पर मिलता था, जैसा कि UPS में भी है. इसके अलावा, महंगाई समायोजित करने के लिए DA की तरह DR का प्रावधान था.

OPS के साथ एक बुनियादी समस्या के कारण NPS को 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इंट्रोड्यूस किया. ये समस्या थी कि ओल्‍ड पेंशन सिस्‍टम असंतुलित था यानी पेंशन के लिए विशेष रूप से कोई कोष तय नहीं था. समय के साथ, इसने सरकार की पेंशन देनदारी को काफी बढ़ा दिया.

NPS और OPS से कैसे अलग है UPS?

  • न्‍यू पेंशन स्‍कीम:

    • इसमें सुनिश्चित पेंशन नहीं होता है. ये मार्केट की अनिश्चितताओं पर निर्भर करता है.

    • कर्मी का कंट्रीब्‍यूशन बेसिक सैलरी का 10% होता है, जबकि सरकार 14% कंट्रीब्‍यूट करती है.

  • ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम:

    • इसमें कर्मी के अंतिम वेतन का 50% सुनिश्चित पेंशन होता है.

    • कर्मी का कोई कंट्रीब्‍यूशन नहीं होता. पूरा बोझ सरकारी खजाने पर पड़ता है.

  • यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम:

    • इसमें अंतिम 12 महीने की एवरेज सैलरी का 50% सुनिश्चित पेंशन दिया जाएगा.

    • कर्मी का कंट्रीब्‍यूशन 10% ही रहेगा, जबकि सरकार का कंट्रीब्‍यूशन 14% से बढ़कर 18.5% हो जाएगा.

    • NPS की तुलना में UPS में सरकार पर पहले साल 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

कौन उठा सकते हैं UPS का लाभ?

यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी. ये उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो 2004 के बाद से NPS के तहत शामिल थे. उन्‍हें NPS के तहत पहले से निकाले गए पैसे के साथ एडजस्‍टेड एरियर यानी समायोजित बकाया राशि भी मिलेगी. एरियर पर 800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

उनके पास विकल्‍प होगा, वे NPS में बने रह सकते हैं या फिर UPS में स्विच कर सकते हैं. UPS में जो सुधार किए गए हैं, उसे देखते हुए शायद ही कोई NPS में बने रहना चाहेगा. हालांकि कर्मी NPS के तहत बने रहने का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन ये उनके लिए फायदेमंद नहीं होगा.

नई योजना के जरिये सरकार कर्मियों को आश्वस्‍त करना चाहती है कि उनके भविष्‍य को बाजार की अनिश्चितताओं पर नहीं छोड़ा जा सकता. ये योजना केंद्र सरकार के सभी कर्मियों पर लागू होगी. हालांकि राज्‍य सरकार चाहें तो वे अपने यहां भी UPS को लागू कर सकते हैं.

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