NPS का मतलब है नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System), जिसे कई बार आम बोलचाल में नेशनल पेंशन स्कीम भी कहते हैं. जैसा इसके नाम से पता चलता है, NPS का मकसद अपने निवेशकों के लिए रिटायरमेंट के बाद पेंशन का इंतजाम करना है, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके.
सरकार की तरफ से प्रोमोट की गई इस स्कीम में लोग बड़ी संख्या में निवेश करते हैं. NPS में पैसे लगाने वाले निवेशकों को उनकी उम्र के हिसाब से अपने निवेश को इक्विटी और डेट में बांटकर लगाने का विकल्प मिलता है.
60 साल की उम्र के बाद निवेशक अपने फंड का 60% हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं, जबकि कम से कम 40% रकम उन्हें एन्युइटी में निवेश करनी होती है, जिससे उन्हें मंथली पेंशन मिलती है. मैच्योरिटी पर मिलने वाली एकमुश्त रकम पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन पेंशन की रकम पर आयकर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है.
NPS के टियर 1 अकाउंट में आप जो भी पैसे डालते हैं, उन्हें तीन एसेट क्लास में बांटकर इनवेस्ट किया जा सकता है,
E यानी इक्विटी
C यानी कॉरपोरेट बॉन्ड
G यानी गवर्नमेंट सिक्योरिटी/बॉन्ड्स
NPS में निवेशकों के पास एक्टिव और ऑटो च्वॉयस के दो विकल्प दिए जाते हैं. एक्टिव च्वॉयस का विकल्प अपनाने वाले निवेशक तय कर सकते हैं कि उनके पैसों को E, C और G एसेट क्लास में किस अनुपात में बांटा जाएगा. हालांकि इसमें भी उम्र के हिसाब से कुछ कैपिंग है. मिसाल के तौर पर जिन निवेशकों की उम्र 50 साल या उससे कम है, वे अधिकतम 75% हिस्सा इक्विटी में लगा सकते हैं. लेकिन 51 साल या उसके बाद उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा घटने लगती है.
60 साल या उससे ज्यादा उम्र के निवेशक अधिकतम 50% निवेश ही इक्विटी में कर सकते हैं.
दूसरी तरफ, अगर आप ऑटो च्वॉयस का विकल्प अपनाते हैं, तो आपके खाते में डाले जा रहे पैसों का पूरा एलोकेशन सिर्फ आपकी उम्र के हिसाब से किया जाता है. यह सारा निवेश पहले से तय फॉर्मूले के हिसाब से होता है. निवेशक के पास कोई विकल्प नहीं होता. इस फॉर्मूले के तहत उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपके निवेश में इक्विटी और कॉरपोरेट डेट का हिस्सा कम होता है और गवर्नमेंट बॉन्ड्स का हिस्सा बढ़ता जाता है. ऑटो च्वॉयस के भीतर भी तीन विकल्प दिए जाते हैं, एग्रेसिव, मॉडरेट और कंजर्वेटिव.
35 साल की उम्र तक, इक्विटी में निवेश करने पर ये लिमिट लागू हैं:
एग्रेसिव विकल्प अपनाने पर 75% निवेश किया जा सकता है
मॉडरेट विकल्प में यह लिमिट 50% है
कंजर्वेटिव विकल्प मेंं यह लिमिट 25% है.
55 साल और उससे ज्यादा उम्र वालों के लिए इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा एग्रेसिव ऑप्शन में 15%, मॉडरेट में 10% और कंजर्वेटिव में 5% है.
सरकार की तरफ से प्रोमोट किए जाने के बावजूद NPS में किए गए निवेश को अलग-अलग फंड हाउस मैनेज करते हैं, जिनमें प्राइवेट फंड हाउस भी शामिल हैं. NPS की टियर 1 स्कीम के इक्विटी प्लान में शामिल टॉप 7 फंड्स ने पिछले 5 साल में निवेश पर कितना रिटर्न दिया है, इसके आंकड़े आप यहां देख सकते हैं:
UTI रिटायरमेंट सॉल्यूशन्स (UTI Retirement Solutions)
एकमुश्त निवेश पर 5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 21.58%
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 24.86%
5 हजार रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू : 5,51,890 रुपये
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 2,612 करोड़ रुपये
2. ICICI प्रूडेंशियल पेंशन फंड (ICICI Prudential Pension Fund)
एकमुश्त निवेश पर 5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 21.56%
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 24.36%
5 हजार रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू : 545,375 रुपये
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 16,231 करोड़ रुपये
3. कोटक पेंशन फंड (Kotak Pension Fund)
एकमुश्त निवेश पर 5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 21.36%
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 23.68%
5 हजार रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू : 536,775 रुपये
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 2,531 करोड़ रुपये
4. HDFC पेंशन फंड (HDFC Pension Fund)
एकमुश्त निवेश पर 5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 20.88%
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 22.96%
5 हजार रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू : 5,27,430 रुपये
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 45,381 करोड़ रुपये
5. LIC पेंशन फंड (LIC Pension Fund)
एकमुश्त निवेश पर 5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 20.58%
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 23.09%
5 हजार रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू : 5,29,085 रुपये
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 6,058 करोड़ रुपये
6. ABSL पेंशन स्कीम (ABSL Pension Scheme)
एकमुश्त निवेश पर 5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 20.20%
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 22.56%
5 हजार रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू : 522,340 रुपये
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 820 करोड़ रुपये
7. SBI पेंशन फंड (SBI Pension Fund)
एकमुश्त निवेश पर 5 साल में औसत सालाना रिटर्न : 19.56%
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 21.90%
5 हजार रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू : 514,200 रुपये
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 19,465 करोड़ रुपये
NPS की टियर 1 स्कीम, टैक्स बचाने के लिहाज से काफी अच्छी मानी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें एक वित्त वर्ष के दौरान 2 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा इसमें निवेश करने का खर्च भी बेहद कम आता है. NPS में निवेश के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा रहता है. खास तौर पर इक्विटी फंड में यह रिस्क और भी ज्यादा रहता है. इनके पिछले प्रदर्शन को आगे भी वैसे ही रिटर्न मिलने की गारंटी नहीं माना जा सकता. लेकिन ऑटोमैटिक ऑप्शन के तहत निवेशक करने वालों का मार्केट एक्सपोजर पहले से तय फॉर्मूले के तहत मैनेज किया जाता है. इससे मार्केट रिस्क काफी हद तक काबू में रहता है. लेकिन अगर आप कुछ ज्यादा जोखिम उठाकर बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं, तो एक्टिव प्लान का ऑप्शन अपना सकते हैं.
मार्केट रिस्क के बावजूद निवेश की कम लागत, अनुभवी फंड मैनेजर्स और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) की निगरानी के कारण NPS को निवेश का अच्छा विकल्प माना जाता है.