Post Office Monthly Income Scheme: रिटायरमेंट के बाद मिले फंड के निवेश के लिए सुनील को किसी ऐसी योजना की तलाश थी, जहां एक बार पैसे डालने पर हर महीने पहले से फिक्स रकम मिलती रहे. इसके लिए उन्होंने अपनी जमा पूंजी का एक हिस्सा पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट खोलकर पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) में जमा कर दिया. जबकि उनके साथ ही रिटायर हुए दोस्त राहुल ने अपने रिटायरमेंट फंड को बैंक के बचत खाते में ही रहने दिया. सुनील को ज्वॉइंट अकाउंट में जमा 15 लाख रुपयों के बदले हर महीने करीब 9,250 रुपये मिलने लगे. वहीं, राहुल फायदा लेने से चूक गए. उनकी जमा रकम पर बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज ही जुड़ा. अगर आपके पास भी एकमुश्त रकम है तो पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम के जरिए मंथली इनकम का इंतजाम कर सकते हैं. इस स्कीम की विशेषताओं और फायदों के बारे में हर जरूरी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं.
सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) की डिपॉजिट लिमिट डबल कर दी है, जिससे इसका फायदा और भी बढ़ गया है. इस साल पेश हुए बजट में केंद्र सरकार ने पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) के लिए जमा की अधिकतम लिमिट सिंगल अकाउंट के लिए 9 लाख रुपये और ज्वॉइंट अकाउंट के जरिए 15 लाख रुपये कर दी है. पहले ये लिमिट 4.50 लाख रुपये और 9 लाख रुपये थी. 1 अप्रैल 2023 से इस पर ब्याज दर भी बढ़कर 7.4% हो गई है.
एडल्ट के नाम से सिंगल अकाउंट
ज्वॉइंट अकाउंट (अधिकतम 3 एडल्ट मिलकर) (ज्वॉइंट A या ज्वॉइंट B)
बच्चों के नाम से उनके अभिभावक अकाउंट खोल सकते हैं.
अकाउंट खोलने के लिए कम से कम 1000 रुपये निवेश जरूरी है.
इसके बाद 1000 रुपये के मल्टीपल में रकम जमा की जा सकती है.
सिंगल अकाउंट में अधिकतम 9 लाख रुपये और ज्वॉइंट अकाउंट में अधिकतम 15 लाख रुपये जमा कर सकते हैं.
ज्वाइंट अकाउंट में हर होल्डर का निवेश में बराबर हिस्सा होता है.
1 अप्रैल से इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर 7.1% की जगह 7.4% सालाना ब्याज मिल रहा है. इसमें जमा पैसों पर जो भी सालाना ब्याज बनता है, वो 12 हिस्सों में बांटकर हर महीने आपके अकाउंट में जमा हो जाता है. अगर आप हर महीने पैसा न निकालें तो आपके पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में रहेगा और आपको उस पर भी ब्याज मिलेगा.
मंथली इनकम स्कीम की मैच्योरिटी 5 साल है. लेकिन आप चाहें तो 5 साल बाद नई ब्याज दर पर इसे और आगे बढ़ा सकते हैं. इस स्कीम में आपको आमतौर पर बैंक FD की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलता है. अगर आपको निवेश को 5 साल के बाद आगे नहीं बढ़ाना है तो जमा की गई पूरी रकम वापस मिल जाएगी.
जमा की तारीख से 1 साल खत्म होने से पहले पैसे निकालने की इजाजत नहीं है.
अगर खाता खोलने की तारीख से 1 साल के बाद और 3 साल से पहले स्कीम बंद करते हैं, तो मूलधन से 2% रकम काटकर बाकी रकम लौटा दी जाएगी.
अगर खाता खोलने की तारीख से 3 साल के बाद और 5 साल से पहले स्कीम बंद करते हैं तो मूलधन से 1% के बराबर कटौती की जाएगी और बाकी रकम का भुगतान किया जाएगा.
पोस्ट ऑफिस में पासबुक के साथ निर्धारित आवेदन पत्र जमा करके खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है.
(सोर्स: इंडिया पोस्ट, कैलकुलेटर)