गोल्डमैन सैक्स ने 2025 के लिए भारत की GDP ग्रोथ को घटाकर 6.3% कर दिया है. इसके लिए गोल्डमैन सैक्स ने फिस्कल कंसोलिडेशन और RBI द्वारा उठाए गए 'माइक्रो प्रूडेंशियल' (जैसे रिस्क वेटेज में इजाफा) कदमों को वजह बताया है.
लेकिन इस अनुमानित स्लोडाउन के बावजूद लंबे समय में भारत की स्ट्रक्चरल ग्रोथ के बढ़िया बने रहने का अनुमान है. ब्रोकरेज ने ये भी कहा कि चीन-अमेरिका की संभावित ट्रेड वॉर से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं पड़ेगा.
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि हेडलाइन इंफ्लेशन 2025 में सालाना आधार पर 4.2% रह सकता है. ये 2024 के 7% के अनुमान से कम है. खाद्य महंगाई गिरकर 4.6% पर आ सकती है, इसकी वजह अच्छी फसल है. दरअसल अच्छी बारिश और गरमी की फसलों की बुवाई की बेहतरी से अगले साल अच्छी फसल होने की संभावना है.
बता दें अक्टूबर में CPI 14 महीने के उच्चतम स्तर (6.21%) पर पहुंच गई थी. जबकि सितंबर में ये 5.49% रही थी. दरअसल ये तेजी सब्जियों, फलों और खाने के तेल की कीमतों में हुए इजाफे के चलते आई है.
गोल्डमैन सैक्स ने RBI रेट कट्स पर अपने अनुमान को आगे बढ़ा दिया है. अब ब्रोकरेज फर्म का अंदाजा है कि पहला रेट कट फरवरी, 2025 और अगला अप्रैल में हो सकता है. फर्म ने क्युमुलेटिव 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अंदाजा लगाया है, इससे रेपो रेट 6.5% से गिरकर 6% पर आ जाएगी. इससे ओवरनाइट इंटरबैंक रेट के गिरकर 5.75% पर भी आ पाएगी.
दरअसल ग्लोबल ट्रेड पॉलिसीज पर बनीं अनिश्चित्ताओं और उनके फाइनेंशियल मार्केट्स पर पड़ने वाले असर को देखते हुए को देखते हुए संभावना है कि RBI मामले में सावधानी भरी अप्रोच अपनाएगी.