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गोल्डमैन सैक्स ने Syngene, Neuland पर शुरू की कवरेज, कहा- भारत की ग्लोबल फार्मा इंडस्ट्री में स्थिति हुई बेहतर

गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि कंपनियां ग्लोबल फार्मास्युटिकल सप्लाई चेन में अपनी मौजूदगी को बढ़ा रही हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:47 PM IST, 12 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने भारतीय कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज इंडस्ट्री के लिए पॉजिटिव आउटलुक रखा है. उसने कहा कि कंपनियां ग्लोबल फार्मास्युटिकल (Pharma) सप्लाई चेन में अपनी मौजूदगी को बढ़ा रही हैं. उनका मकसद 2024 में उनके प्रोडक्ट्स को बढ़ाना है. इसमें कैपिटल खर्च की अवधि के बाद क्षमता बढ़ाना, गुणवत्ता में सुधार करना और ग्राहकों को सप्लाई चेन में जोखिम कम करना शामिल है.

PLI स्कीम से इंडस्ट्री को मिलेगा फायदा: गोल्डमैन सैक्स

इंडस्ट्री को वर्टिकल इंटिग्रेशन से फायदा होगा जो मौजूदा वित्त वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है. रिसर्च फर्म ने 11 अप्रैल को एक नोट में कहा कि एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडिएंट प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम से इसे फायदा मिलेगा.

गोल्डमैन सैक्स को FY24-27 के दौरान सेक्टर में 22% की प्रॉफिट ग्रोथ होने की उम्मीद है. उसने कहा कि जहां सेक्टर पिछले पांच साल के औसत के मुकाबले प्रीमियम वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहा है हमारा तर्क है कि ज्यादा मल्टीपल होंगे क्योंकि अर्निंग डिलीवरी मजबूत बनी रहेगी.

इन कंपनियों को खरीदारी की रेटिंग

गोल्डमैन ने Syngene इंटरनेशनल पर कवरेज शुरू कर दी है. उसने खरीदारी की रेटिंग दी है. जबकि उसके CDMO बिजनेस पर असर होगा. रिसर्च फर्म ने न्यूलैंड लैबोरेटरीज के लिए कवरेज शुरू कर दी है.

ब्रोकरेज ने कंपनी को खरीदारी की रेटिंग दी. गोल्डमैन ने लॉरस लैब्स को बिक्री की रेटिंग दी है. वो कंपनी की अर्निंग्स डिलीवरी को लेकर सावधान हैं और उन्हें मौजूदा वैल्युएशन महंगा नजर आ रहा है.

गोल्डमैन सैक्स ग्लोबल फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में भारत की स्थिति को लेकर अच्छी उम्मीद रख रहे हैं. हालांकि पिछले दिनों में उनके डेटा के विश्लेषण और चीनी CRDMO इंडस्ट्री की स्थिति को देखते हुए उन्होंने कहा है कि भारत के बेहतर आउटलुक के बावजूद उसकी ग्रोथ पिछले दशक में चीन की ग्रोथ के समान नहीं रह सकती है. इसके पीछे उसने वजह कई अहम क्षेत्रों में भारत के पीछे रहने को वजह बताया है. ये क्षेत्र क्षमता और घरेलू R&D इंफ्रास्ट्रक्चर हैं.

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