ADVERTISEMENT

HSBC Flash PMI: निजी सेक्टर हुआ मजबूत, आउटपुट जून 2010 के बाद रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा

मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में नए ऑर्डर्स में लगातार बढ़ोतरी हुई है. इससे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज कंपनियों की क्षमता पर दबाव आया है, ये अपनी पूरी क्षमता पर काम कर रही हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:24 PM IST, 23 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

HSBC फ्लैश इंडिया PMI डेटा के मुताबिक भारत का निजी सेक्टर (Private Sector) अप्रैल में मजबूत हो रहा है. ये जून 2010 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. ये मार्च में 61.8 से बढ़कर अप्रैल में 62.2 पर आ गया है. HSBC फ्लैश इंडिया कंपोजिट PMI आउटपुट डेटा से 2010 के मध्य से बिजनेस एक्टिविटी में सबसे तेज ग्रोथ दिखती है.

नए ऑर्डर्स में लगातार बढ़ोतरी

मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में नए ऑर्डर्स में लगातार बढ़ोतरी हुई है. इससे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज कंपनियों की क्षमता पर दबाव आया है.

  • HSBC फ्लैश इंडिया सर्विसेज PMI बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स: 61.7 (मार्च: 61.2)

  • HSBC फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI आउटपुट इंडेक्स: 63.2 (मार्च: 63.3)

  • HSBC फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI: 59.1 (मार्च: 59.1)

सर्वे में हिस्सा लेने के लिए घरेलू और बाहरी क्लाइंट्स से बढ़ती डिमांड को वजह बताया है. सर्विस कंपनी में बिजनेस एक्टिविटी बढ़कर तीन महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है. निजी सेक्टर की सेल्स अप्रैल में लगातार तीसरे महीने बढ़ी है. ये 14 साल में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ी है.

हाल के ट्रेंड के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बिक्री का कुल ऑर्डर बुक में योगदान अच्छा रहा है. कंपोजिट लेवल पर नए एक्सपोर्ट ऑर्डर सितंबर 2014 में सीरीज शुरू होने के बाद सबसे तेज दर से बढ़े हैं. इस मोर्चे पर सर्विस कंपनियों में एक्टिविटी तेजी से बढ़ी है.

नौकरियां भी बढ़ीं

नए कारोबार में मजबूत बढ़ोतरी के बावजूद कैपेसिटी पर दबाव अप्रैल में कम रहा. भारत में निजी सेक्टर की कंपनियों के ऑर्डर में लगातार 28वे महीने इजाफा हुआ है. हालांकि मार्च के मुकाबले इसकी रफ्तार धीमी रही है.

बढ़ती मांग और पिछले ब्लैकलॉग को क्लियर करने की कोशिशों से नई नौकरी पैदा करने में मदद मिली. जहां सर्विस प्रोवाइडर्स ने कम रफ्तार से अतिरिक्त कर्मचारियों को लिया जो मार्च से कम थी. वहीं गुड्स प्रोड्यूसर्स ने करीब डेढ़ साल में अपनी वर्कफोस में सबसे ज्यादा इजाफा किया है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT