ADVERTISEMENT

India Trade Data: जून में व्यापार घाटा कम होकर $20.98 बिलियन हुआ

अप्रैल-जून तिमाही में ट्रेड डेफिसिट पिछले साल के 21.03 बिलियन डॉलर की तुलना में 7.27% बढ़ कर 22.56 बिलियन डॉलर रहा है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:06 PM IST, 15 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

Indian Trade Data: आर्थिक मोर्चे पर देश के लिए अच्‍छी खबर है. जून में देश का व्‍यापार घाटा कम हुआ है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) के मुताबिक, जून में मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट 20.98 बिलियन डॉलर रहा है, इससे पहले मई में ये आंकड़ा 23.78 बिलियन डॉलर रहा था.

वहीं अप्रैल-जून तिमाही की बात करें तो आंकड़े पॉजिटिव नहीं हैं. पिछले साल (Apr-June 2023) के 21.03 बिलियन डॉलर की तुलना में ट्रेड डेफिसिट 7.27% बढ़ कर 22.56 बिलियन डॉलर रहा है.

जून में कम हुआ व्‍यापार घाटा

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) की ओर से सोमवार को व्यापार आंकड़े (Trade Data) जारी किए गए.

इसके अनुसार, जून 2024 में कुल एक्सपोर्ट 65.47 बिलियन डॉलर रहा है, एक साल पहले जून 2023 में ये 62.12 बिलियन डॉलर रहा था.

वहीं, जून 2023 के 69.12 बिलियन डॉलर की तुलना में जून 2024 में इंपोर्ट 73.47 बिलियन डॉलर रहा.

मर्चेंडाइज इंपोर्ट-एक्‍सपोर्ट

  • मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 2.6% बढ़कर 35.2 बिलियन डॉलर रहा (YoY)

  • मर्चेंडाइज इंपोर्ट 5% बढ़कर 56.18 बिलियन डॉलर (YoY)

  • एक्सपोर्ट में मासिक आधार पर 7.7% की गिरावट दर्ज की गई

  • इंपोर्ट में मासिक आधार पर 9.2% की गिरावट दर्ज की गई

जारी रहेगी ट्रेड ग्रोथ

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि पॉजिटिव ग्‍लोबल ग्रोथ और महंगाई में कमी को देखते हुए उम्‍मीद है कि ट्रेड में ग्रोथ जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि भारत ग्‍लोबल एक्‍सपोर्ट ग्रोथ में अग्रणी देशों में से एक है, लेकिन ग्‍लोबल जियो-पॉलिटिकल संघर्षों को देखते हुए इसमें कुछ दिक्‍कतें हैं.

क्या होता है ट्रेड डेफिसिट?

एक निश्चित अवधि के दौरान जब देश का इंपोर्ट, एक्सपोर्ट से ज्यादा हो जाता है, तो वो ट्रेड डेफिसिट या व्यापार घाटे की कैटेगरी में आता है. इसे निगेटिव बैलेंस ऑफ ट्रेड भी कहते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो जब कोई देश जितनी राशि का गुड्स और सर्विसेज बेचता है, उससे ज्‍यादा का खरीदना पड़ता है तो ये अंतर ही ट्रेड डेफिसिट यानी व्‍यापार घाटा कहलाता है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT