वित्त वर्ष-2023 में 7% की अनुमानित ग्रोथ (Estimated Growth) हासिल करने के लिए भारतीय इकोनॉमी ट्रैक पर है, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने अपने जनवरी इकोनॉमिक रिव्यू (January Economic Review) में ये भरोसा जताया है. रिव्यू में कहा गया है कि IMF और वर्ल्ड बैंक ने भारत को साल 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया है.
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में वित्त वर्ष-24 के लिए 6.5% बेसलाइन ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है, लेकिन यह भी माना गया है कि डाउनसाइड रिस्क ज्यादा है. जियो-पॉलिटिकल तनाव बना हुआ है, जिसकी वजह से सप्लाई चेन में दिक्कतों और दूसरी रुकावटों की वजह से और अधिक आर्थिक व्यवधान पैदा हो सकता है
मौसम विज्ञान एजेंसियां इस साल भारत में अल नीनो की स्थिति की वापसी की भविष्यवाणी कर रही हैं. रिव्यू में कहा गया है कि अगर ये भविष्यवाणियां सही निकलती हैं, तो इस बार मॉनसून में कमी देखने को मिल सकती है. जिसकी वजह से कृषि उत्पादन भी घट सकता है और कीमतें बढ़ सकती हैं.
रिव्यू में बताया गया है कि सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से उठाए गए कदमों की वजह से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में महंगाई (Headline Ingflation) में गिरावट देखने को मिली है. वैश्विक आर्थिक स्लोडाउन के बावजूद घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी बनी रहेगी.
2022 में पूरे साल वैश्विक व्यापार की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है, साल 2023 में धीमे वैश्विक उत्पादन के कारण वॉल्यूम और ट्रेड की वैल्यू में और गिरावट के साथ इसके और भी कम रहने का अनुमान है.
भारत के एक्सपोर्ट में भी स्लोडाउन देखने को मिल सकता है, क्योंकि भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट मार्केट्स में साल 2023 में तेजी से गिरावट आने का अनुमान है.
वित्त वर्ष 24 के आम बजट में घोषित किए गए उपाय विकास की उस गति को बनाए रखेंगे, जिसने महंगाई के दबावों को कम करते हुए चालू वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की खासियत को बताया है
मांग में सुधार और नए कामों में बढ़ोतरी के चलते जनवरी 2023 तक, PMI सर्विसेज लगातार 18 महीनों तक बढ़ी हैं. ट्रासंपोर्ट सर्विसेज में भी जनवरी 2023 तक अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है, चाहे वो रेलवे हो या हवाई.