ADVERTISEMENT

RBI Monetary Policy: लगातार पांचवीं बार नहीं बदली ब्याज दर, GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7% किया

रिजर्व बैंक ने मई 2022 के बाद ब्याज दरों में लगातार इजाफा करना शुरू किया था, तब से लेकर अबतक 250 bps की बढ़ोतरी की जा चुकी है
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी10:07 AM IST, 08 Dec 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने लगातार पांचवी बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है. दो दिनों तक चली RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक के बाद शुक्रवार को रेपो रेट को 6.5% पर ही बरकरार रखने का फैसला किया गया है.

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि कमिटी के सभी 6 सदस्यों ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने पर अपनी सहमति जताई है. पॉलिसी ऐलानों के दौरान शक्तिकांता दास ने कहा कि महंगाई काबू में आई है, लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है.

रिजर्व बैंक ने मई 2022 के बाद ब्याज दरों में लगातार इजाफा करना शुरू किया था, तब से लेकर अबतक 250 bps की बढ़ोतरी की जा चुकी है. फरवरी 2023 में रेपो रेट को आखिरी बार चौथाई परसेंट बढ़ाकर 6.5% किया था, तब से लेकर अबतक रेपो रेट इसी स्तर पर बरकरार है.

पॉलिसी का ऐलान करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने बताया कि अकोमोडेशन रुख को वापस लेने के फैसले पर रिजर्व बैंक कायम है. उन्होंने कहा कि महंगाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 6 में से 5 सदस्यों ने अकोमोडेशन रुख की वापसी (withdrawal of accommodation) पर सहमति जताई है.

रेपो रेट के साथ ही स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट को 6.25% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट को भी बिना बदलाव के 6.75% पर रखा गया है.

'भारत की इकोनॉमी मजबूत है'

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी मंदी के संकेत दे रही है, कई केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों को स्थिर करके रखा हुआ है, लेकिन वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारतीय इकोनॉमी में मजबूती बनी हुई है. हेडलाइन महंगाई दर पिछले साल से नीचे आ चुकी है, कई देशों में अब भी ये लक्ष्य से ऊपर है. कोर महंगाई दर में अब भी उथल-पुथल है. दूसरी तिमाही में GDP ने सभी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है.

CPI के सभी कंपोनेंट्स में गिरावट देखने को मिली है, खाद्य महंगाई में जोखिम अब भी है जिसकी वजह से नवंबर और दिसंबर में महंगाई दर में बढ़ोतरी देखी जा सकती है.

  • मॉनिटरी पॉलिसी तैयार करते समय MPC सचेत है

  • दरों को लेकर उठाए गए फैसले इकोनॉमी में अब भी अपना काम कर रहे हैं.

  • लागत का दबाव कम होने से मैन्युफैक्चरिंग को ताकत मिली है.

  • 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ में तेजी आई है.

  • नवंबर में PMI मैन्युफैक्चरिंग भी बढ़ी है.

  • नवंबर में GST कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपेय रहा है

FY25 CPI महंगाई के अनुमान

रिजर्व बैंक ने FY24 के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान 5.4% पर बरकरार रखा है. Q3 में रिटेल महंगाई 5.6% और Q4 में रिटेल महंगाई 5.2% रहने का अनुमान है, दोनों तिमाहियों में अनुमान नहीं बदले गए हैं. गवर्नर ने FY25 के लिए भी महंगाई के अनुमान जारी किए हैं. FY25 के Q1 में CPI महंगाई 5.2%, Q2 में 4% और Q3 में 4.7% रहने का अनुमान है.

RBI गवर्नर ने कहा कि महंगाई को नीचे लाने में सफलता हासिल की है, ग्रोथ मजबूत बनी रहेगी. बावजूद इसके 4% महंगाई का लक्ष्य अब भी हासिल करना बाकी है. खाद्य महंगाई दर पर सावधानीपूर्वक नजर रखनी होगी. महंगाई को लेकर मॉनिटरी पॉलिसी को अलर्ट रहना होगा.

FY25 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान

RBI ने FY24 के लिए रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 7% कर दिया है. Q3 के लिए अनुमान 6.5% और Q4 के लिए अनुमान 6% है. FY25 के लिए भी रिजर्व बैंक ने अनुमान जारी किए हैं. Q1 में GDP ग्रोथ 6.7%, Q2 में 6.5% और Q3 में 6.4% रहने का अनुमान है.

पेमेंट की लिमिट बढ़ाई

रिजर्व बैंक ने अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों के लिए UPI लेन-देन की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स, म्यूचुअल फंड्स और इंश्योरेंस प्रीमियम के रिकरिंग ट्रांजैक्शन के लिए e-मैनडेट की लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है, ये लिमिट अबतक 15 हजार रुपये थी.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT