NDTV Profit के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने ब्याज दरों में कटौती पर केंद्रीय बैंक की स्थिति साफ की है.
NDTV ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ इस मेगा इंटरव्यू में दास ने कहा कि तुरंत ब्याज दर में कटौती नहीं होगी, अगर लंबे वक्त तक महंगाई 4% (+/-2%) की लिमिट में रहती है, तो विचार किया जाएगा.
RBI गवर्नर के मुताबिक विकसित भारत 2047 के विजन में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के साथ-साथ प्राइस स्टेबिलिटी अहम है. उन्होंने ये भी कहा कि महंगाई को काबू में रखने के लिए ग्रोथ से बेहद कम समझौता किया गया है.
RBI गवर्नर ने कहा कि बीते 5-6 सालों में भारत काफी मजबूती से उभरकर सामने आया है. इस दौरान भारत ने सफलता के साथ कोविड और अन्य अंतरराष्ट्रीय संकटों का सामना किया है.
कोविड और उसके बाद यूक्रेन युद्ध के चलते महंगाई दर 7% पर पहुंच गई थी. जिसे आज 3.5% लाने में कामयाबी मिली है. मतलब हम अपने टारगेट के आसपास महंगाई दर को ले आए हैं.शक्तिकांता दास, गवर्नर, RBI
RBI गवर्नर ने कहा कि अगर लंबे वक्त तक महंगाई दर 4% (+/-2%) की लिमिट में रहती है, तब ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर विचार किया जा सकता है.
हमने ये कभी नहीं कहा कि अगर 4% के नीचे महंगाई दर एक बार चली जाएगी, तो हम ब्याज दरों में कटौती करेंगे. दरअसल अगर ये लंबे वक्त तक इस सीमा में रहती है, तब हम इस बार में विचार कर सकते हैं: शक्तिकांता दास
उन्होंने कहा कि महंगाई दर जुलाई में 3.5% आ गई है, तो इसमें बेस इफेक्ट का बड़ा योगदान है.
वहीं महंगाई को काबू करने के लिए ग्रोथ सैक्रिफाइस की बात पर RBI गवर्नर ने कहा:
जहां तक ग्रोथ का सवाल है अभी तक ग्रोथ सैक्रिफाइस न्यूनतम रहा है. इस वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 7.2% रहने का अनुमान है, जो बहुत अच्छी स्थिति है. ग्रोथ बढ़िया बनी हुई है, साथ में हमें इंफ्लेशन को कम करना चाहिए.शक्तिकांता दास, गवर्नर, RBI
RBI गवर्नर ने कहा, 'फूड आइटम्स पर प्राइस इंफ्लेशन को हटाकर महंगाई का अंदाजा लगाना सही नहीं है. फूड इंफ्लेशन, हेडलाइन इंफ्लेशन का अहम आधार है. इसे हटाकर महंगाई का अंदाजा लगाना सही नहीं रहेगा.'
शक्तिकांता दास ने कहा, 'महंगाई कैलकुलेट करने के लिए इस्तेमाल होने वाली कंजम्पशन बास्केट में फूड इंफ्लेशन का शेयर 46% है. इसलिए फूड इंफ्लेशन को ध्यान में रखना जरूरी है.'
ध्यान रहे कि फूड इंफ्लेशन को छोड़कर बाकी खुदरा महंगाई लगभग 3.5% के स्तर पर बनी हुई है.