'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को साकार करने के लिए जरूरी है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की क्षमताओं को बढ़ाया जाए, इसलिए सरकार 14 प्रमुख सेक्टर्स के लिए PLI योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को कितना प्रोत्साहित किया इसे लेकर वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से कुछ आंकड़े पेश किए गए हैं, जो PLI स्कीम की कामयाबी की तस्दीक करते हैं. मंत्रालय का कहना है कि PLI स्कीम से उत्पादन बढ़ा है, रोजगार के मौके बने हैं, विदेशी निवेश भी जमकर आया है.
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया है कि अबतक 14 क्षेत्रों के लिए PLI स्कीम के तहत 764 आवेदनों को मंजूरी दी गई है. जिसमें बल्क ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस, फार्मा, टेलीकॉम, व्हाइट गुड्स, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स और ड्रोन जैसे क्षेत्रों में PLI लाभार्थियों में 176 MSME शामिल हैं. नवंबर 2024 तक करीब 1.61 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इससे 14 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जबकि 2024-25 तक 15.52 लाख करोड़ का लक्ष्य था. साथ ही, 11.5 लाख से ज्यादा नौकरियां (डायरेक्ट और इनडायरेक्ट) भी पैदा हुईं.
PLI योजनाओं ने भारत के एक्सपोर्ट को पारंपरिक चीजों से बदलकर महंगी चीजों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम सामान और फूड प्रोसेसिंग उत्पादों में तब्दील किया है. इन योजनाओं से 5.31 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हुआ, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां, फूड प्रोसेसिंग और टेलीकॉम क्षेत्र का बड़ा योगदान है. 10 सेक्टर्स में 14,020 करोड़ रुपये का इंसेंटिव बांटा गया, जैसे बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, IT हार्डवेयर, दवाइयां, मेडिकल उपकरण, टेलीकॉम, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल और ड्रोन.
स्पेशियलिटी स्टील के लिए PLI योजना में, 27,106 करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई, जिसमें से लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश कंपनियों ने किया है. इन परियोजनाओं ने 9000 लोगों को रोजगार दिया है. इंडस्ट्री को अब तक 48 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन जारी किया गया है. स्टील मंत्रालय का अनुमान है कि योजना अवधि के अंत तक 2,000 करोड़ रुपये का इनसेंटिव बांटा जाएगा. 58 में से 14 योजनाएं कंपनी की बिजनेस प्रोजेक्ट्स में बदलाव और प्रोजेक्ट्स के शुरू होने में देरी के कारण योजना से हट गईं.
स्पेशियलिटी स्टील के लिए PLI योजना के दूसरे दौर में 35 कंपनियों ने रुचि दिखाई है. इन कंपनियों ने 25,200 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. स्टील मंत्रालय इन कंपनियों के चयन और उनके साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में है. इन परियोजनाओं को 3,600 करोड़ रुपये का इनसेंटिव दिए जाने का अनुमान है.
व्हाइट गुड्स (AC और LED लाइट्स) के लिए PLI स्कीम्स के तहत 84 कंपनियां 10,478 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही हैं, जिससे AC और LED सेगमेंट में घरेलू क्षमता मजबूत होगी. AC के लिए, चयनित कंपनियां कंप्रेसर, कॉपर ट्यूब जैसे कंपोनेंट्स का निर्माण करेंगी. इसी तरह, LED लाइट्स, LED चिप पैकेजिंग, LED ड्राइवर्स, LED इंजन, LED लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और कैपेसिटर के लिए मेटलाइज्ड फिल्में वगैरह का इंपोर्ट करने के बजाय भारत में ही निर्माण किया जाएगा.