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इस बार RBI कर सकता है रेपो रेट में कटौती, 9 अप्रैल को होना है ऐलान

MPC की बैठक 7 से 9 अप्रैल तक होगी. ये बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से धीमी वैश्विक और घरेलू ग्रोथ के बीच भारत पर 27% के रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद होने वाली है.
NDTV Profit हिंदीपल्लवी नाहाटा
NDTV Profit हिंदी05:05 PM IST, 04 Apr 2025NDTV Profit हिंदी
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RBI Policy Preview: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (Monetary Policy) अप्रैल में रेपो रेट में कटौती कर सकती है. MPC की बैठक 7 से 9 अप्रैल तक होगी. ये बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से धीमी वैश्विक और घरेलू ग्रोथ और अनिश्चितता को लेकर चिंताओं के बीच भारत पर 26% के रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद होने वाली है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

ब्लूमबर्ग की ओर से सर्वे में शामिल किए गए सभी अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि MPC कम से कम 25 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.25% की कटौती करेगी.

बार्कलेज की भारत की मुख्य अर्थशास्त्री आस्था गुडवानी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि RBI 9 अप्रैल को 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करेगा. जबकि रुख को न्यूट्रल बनाए रखेगा. हमें एक संभावना ये भी दिखती है कि MPC अनुमानित CPI महंगाई की तुलना में काफी कम दर को स्वीकार करते हुए 35 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करने का फैसला करे.'

महंगाई में गिरावट देखने को मिली

भारत की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई जनवरी में 4.26% से घटकर फरवरी में 3.61% हो गई है. फूड और बेवरेजेज की महंगाई जनवरी में 5.68% से घटकर फरवरी में 3.84% हो गई है. ये गिरावट सब्जियों की महंगाई की वजह से हुई जो फरवरी में 1.07% घटी, जबकि पिछले महीने इसमें 11.35% की बढ़ोतरी हुई थी.

महंगाई भी छह महीने में पहली बार केंद्रीय बैंक के 4% के लक्ष्य से नीचे आ गई है. और उम्मीद है कि मार्च में भी ये कम रहेगी.

गुडवानी ने कहा, 'हम मार्च में CPI महंगाई को 3.7% पर कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि जनवरी-मार्च के दौरान औसत CPI महंगाई 3.9% है, जो RBI MPC के 4.4% अनुमान से 50 बेसिस पॉइंट्स कम है. उन्होंने अनुमान लगाया कि FY25 में औसत CPI महंगाई 4.7% रहने का अनुमान है और FY26 में ये 4% रहने का अनुमान है.

FY25 के Q3 में GDP ग्रोथ मामूली रूप से बढ़कर 6.2% हो गई है, जो दूसरी तिमाही में 5.6% रही थी. ये दिखाता है कि मंदी का दौर अब खत्म हो चुका है. फिर भी चौथी तिमाही के लिए हाई फ्रिक्वेंसी डेटा मिला-जुला बना हुआ है, जिसमें पूरे साल के पूर्वानुमान में गिरावट का जोखिम है.

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