भारत का व्यापार घाटा (India's Trade Deficit) अगस्त में इंपोर्ट बढ़ने और एक्सपोर्ट में कमी आने से बढ़ गया है. कुल मिलाकर व्यापार घाटा बढ़कर 29.65 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. जबकि जुलाई में ये 23.5 बिलियन डॉलर रहा था. कॉमर्स मिनिस्ट्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में ये जानकारी दी है.
अगस्त में एक्सपोर्ट में 9.3% (YoY) की कमी आई है और ये गिरकर 34.7 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
जबकि इंपोर्ट में 3.3% (YoY) की तेजी आई है और ये बढ़कर 64.4 बिलियन डॉलर पहुंच गया.
दरअसल वैश्विक स्तर पर अहम आर्थिक क्षेत्रों में मांग में कमी आ रही है. इसकी वजह मंदी की आशंका और ग्रोथ रेट में कमी है.
कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने अमेरिका में मंदी की चिंताओं और चीन, यूरोप में धीमी होती ग्रोथ का हवाला देते हुए कहा कि 'मौजूदा वैश्विक स्थिति में एक्सपोर्ट बड़ी चुनौती है. स्वेज नहर वाले रास्ते से डायवर्जन के चलते ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट भी बढ़ी है.'
हालांकि कुछ मोर्चों पर राहत भी है. सुनील बर्थवाल ने कहा, 'नॉन-जेम्स और ज्वेलरी के साथ-साथ नॉन पेट्रोलियम एक्सपोर्ट्स बढ़ रहे हैं, जिससे कुछ हद तक राहत मिल रही है.'
बर्थवाल ने ये भी बताया कि भारत के साथ व्यापार करने के लिए कई अन्य देश आतुर हैं और FTAs की रिक्वेस्ट लगातार आ रही हैं.