अमेरिकी राष्ट्रपति (US President Trump) ने गुरुवार को भारतीय आयात पर 26% टैरिफ का ऐलान किया है. उन्होंने अमेरिकी सामान पर देश के भारी टैरिफ को वजह बताया. ये टैरिफ (Tariff Rates) गुरुवार को आधी रात से लागू हो गए हैं. ये हालिया इतिहास में ट्रेड में सबसे आक्रामक कदमों में से एक है.
ANZ में अर्थशास्त्री धीरज निम के मुताबिक निर्यात घाटे के मामले में भारत को इन टैरिफ का असर 30-35 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान है. GDP ग्रोथ के मामले में मौजूदा समय में GDP पर 0.7-0.8% असर अनुमानित है.
एमके में मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा कि पिछले स्टेटिक एनालिसिस से पता चला है कि भारत के अमेरिका को निर्यात में $30-33 बिलियन या GDP के करीब 0.8-0.9% की गिरावट आ सकती है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डेटा के मुताबिक अमेरिका भारत का टॉप एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है और FY25 में इसका भारत के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स में 18.6% हिस्सा रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में ये $60,024 मिलियन रहा है.
IDFC फर्स्ट बैंक में चीफ इकोनॉमिस्ट गौरा सेनगुप्ता ने कहा कि अमेरिका को भारत का निर्यात GDP का सिर्फ 4% है. इसलिए सीधा असर रियल GDP ग्रोथ पर करीब 20 बेसिस पॉइंट्स पर सीमित है. भारत के लिए 26% का टैरिफ लगाया गया है जो भारत की ओर से अमेरिका पर लगाए गए टैरिफ से ज्यादा है. WTO डेटा के मुताबिक ये 11.4% है.
भारत के अलावा अगर बात करें तो, वैश्विक ट्रेड पर असर को लेकर भी चिंताएं हैं. कुछ देश जवाबी एक्शन ले सकते हैं. वैश्विक व्यापार को झटका लगेगा और भारत भी इससे नहीं बचेगा. ये ग्रोथ के लिए साफ तौर पर नेगेटिव है.