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India-US Trade: अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर, चीन को छोड़ा पीछे

दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों के कारण 2022-23(FY23) में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बनकर उभरा है.
NDTV Profit हिंदीजितेन्द्र ज्योति
NDTV Profit हिंदी05:44 PM IST, 16 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
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भारत-अमेरिका के बीच व्यापार नई ऊंचाई को छू रहा है. साल 2022-23 में अमेरिका अब भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन गया है और चीन पिछड़कर नंबर दो पर चला गया है. ये दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को दर्शाता है.

एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार (बाइलेटरल ट्रेड) बढ़ने का सिलसिला आने वाले सालों में भी जारी रहेगा क्योंकि नई दिल्ली और वाशिंगटन आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने में लगे हैं.

अमेरिका-भारत का ट्रेड $128.55 बिलियन

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों (प्रोविजनल) के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 7.65% बढ़कर 128.55 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि 2021-22 में ये 119.5 बिलियन डॉलर था. 2020-21 में ये 80.51 अरब डॉलर था.

2022-23 में अमेरिका में निर्यात (Export) 2.81% बढ़कर 78.31 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि 2021-22 में यह 76.18 बिलियन डॉलर था, जबकि आयात (Import) लगभग 16% बढ़कर 50.24 बिलियन डॉलर हो गया.

चीन -भारत का ट्रेड $113.83 बिलियन

आंकड़ों से पता चलता है कि 2022-23 के दौरान, चीन के साथ भारत का बाइलेटरल ट्रेड 2021-22 में 115.42 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले लगभग 1.5% घटकर 113.83 बिलियन US डॉलर रह गया.

2022-23 में चीन का निर्यात(Export) लगभग 28% घटकर 15.32 अरब डॉलर रह गया. जबकि पिछले वित्त वर्ष में आयात(Import) 4.16% बढ़कर 98.51 अरब डॉलर था. 2021-22 में 72.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में ट्रेड गैप बढ़कर 83.2 बिलियन US डॉलर रहा.

फार्मास्युटिकल, इंजीनियरिंग, रत्न और आभूषण जैसे सामानों के बढ़ते निर्यात (Export) से भारत को अमेरिका में अपने शिपमेंट को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है. अमेरिका के साथ व्यापार बढ़ने का सिलसिला आने वाले महीनों में भी जारी रहेगा.
ए शक्तिवेल, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO)

FIEO के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक विश्वसनीय व्यापारिक भागीदार के रूप में उभर रहा है और ग्लोबल कंपनियां सप्लाई के लिए केवल चीन पर निर्भरता कम कर रही हैं साथ ही भारत जैसे अन्य देशों में कारोबार का विस्तार कर रही हैं.

खान ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ता रहेगा क्योंकि हमारे निर्यातकों (Exporters) को उस देश से अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं.

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट (IIPM), बंगलुरू के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि भारत अमेरिका के लिए व्यापार के बड़े अवसर प्रदान करता है क्योंकि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार (कंज्यूमर मार्केट) और सबसे तेजी से बढ़ता इकोनॉमी वाला बाजार है.

भारत से अमेरिका को निर्यात (Export) की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में पेट्रोलियम, पॉलिश किए हुए हीरे, दवा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल और पेट्रोलियम, झींगा(मछली का एक टाइप), मेड अप आदि शामिल हैं. जबकि अमेरिका से प्रमुख आयात (Import) में पेट्रोलियम, स्क्रैप हीरे, लिक्विफाइड प्राकृतिक गैस, सोना शामिल हैं.

अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस

अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का ट्रेड सरप्लस है. 2022-23 में, भारत का अमेरिका के साथ 28 बिलियन US डालर का ट्रेड सरप्लस था. वहीं आंकड़ों से पता चलता है कि चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का टॉप ट्रेडिंग पार्टनर था.

चीन से पहले 2022-23 में, 76.16 बिलियन US डालर के साथ UAE, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. इसके बाद सऊदी अरब (52.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और सिंगापुर (35.55 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का स्थान रहा

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