ADVERTISEMENT

ग्लोबल राजनीतिक संकट से भारत के निर्यात पर हो सकता है असर, आने वाले दिनों में गिरावट की आशंका

अप्रैल-जून तिमाही में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स में 6% की बढ़ोतरी हुई है. जबकि सर्विसेज एक्सपोर्ट्स 12% बढ़ा है.
NDTV Profit हिंदीपल्लवी नाहाटा
NDTV Profit हिंदी05:48 PM IST, 06 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

FY25 की पहली तिमाही में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स (Indian Exports) में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है. हालांकि अमेरिका में कमजोर ग्रोथ (US Growth) के साथ भू-राजनीतिक मुश्किलों से भविष्य में ग्रोथ पर असर पड़ सकता है. अप्रैल-जून तिमाही में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स में 6% की बढ़ोतरी हुई है. जबकि सर्विसेज एक्सपोर्ट्स 12% बढ़ा है.

भारत ने ग्लोबल एक्सपोर्ट्स ग्रोथ में बड़ा योगदान दिया है. भारत में ग्रोथ अच्छी बने रहने की उम्मीद है. हालांकि कमजोर अमेरिकी डेटा और नए भू-राजनीतिक तनावों से बुरा असर हो सकता है.

अमेरिकी डेटा से अच्छे संकेत नहीं

पिछले हफ्ते जारी हुए अमेरिकी जॉब डेटा में दिखा है कि हायरिंग में गिरावट आई है और बेरोजगारी तीन साल की ऊंचाई पर पहुंच गई है. ये आर्थिक सुस्ती की आशंका को बढ़ाता है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है. पिछले कुछ सालों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था बाहरी मांग के नजरिए से कहीं ज्यादा अहम बन गई है.

ANZ रिसर्च में अर्थशास्त्री धीरज निम ने कहा, अमेरिकी इकोनॉमी न केवल भारत, बल्कि अन्य एशियाई देशों के लिए भी अहम हो गई है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में सुस्ती की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी मुश्किलें आ सकती हैं. इससे एक्सपोर्ट मोमेंटम पर भी असर पड़ सकता है.

अमेरिका में मंदी से असर सीमित रहेगा: एक्सपर्ट्स

अमेरिका से आया हाल का डेटा दिखाता है कि इससे बड़ा जोखिम हो सकता है. इससे गुड्स और सर्विसेज दोनों एक्सपोर्ट्स पर असर हो सकता है. बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में मंदी का सिर्फ सीमित असर ही होने की उम्मीद है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत के मर्चेंडाइज ट्रेड पार्टनर्स धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. वहीं प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव और अन्य सरकारी एक्सपोर्ट स्कीम्स से भी मदद मिली है. सर्विसेज एक्सपोर्ट्स ने महामारी में भी मदद की और मंदी होने पर भी इसमें तेज गिरावट आने की उम्मीद कम है.

बांग्लादेश संकट का क्या असर होगा?

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा. वहां हुईं राजनीतिक घटनाएं भारतीय इंजीनियरिंग एक्सपोर्टर्स के लिए बड़ी चिंता की बात है.

उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश भारतीय इंजीनयरिंग प्रोडक्ट्स के लिए टॉप डेस्टिनेशंस में से एक और दक्षिण भारत में हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. ऐसे में बांग्लादेश में स्थिरता व्यापार संबंधों को बरकरार रखने और बढ़ाने के लिए अहम है. देश भारत के लिए टॉप 10 एक्सपोर्ट डेस्टिनेशंस में से एक है और भारत के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स में करीब 2% योगदान देता है.

बांग्लादेश को निर्यात किए गए इंजीनियरिंग गुड्स की कुल वैल्यू अप्रैल-जून तिमाही के दौरान $ 542.1 मिलियन रही है. इसमें सालाना आधार पर 8.2% की गिरावट आई है.

गुप्ता ने कहा कि तेहरान में हमास नेता की हत्या ने मिडिल ईस्ट में टकराव बढ़ने की चिंताओं को पैदा किया है. इससे तेल कीमतों में गिरावट रूक गई है. कच्चे तेल की कीमतों पर करीबी से नजर बनाकर रखनी होगी.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT