भारत में थोक महंगाई ग्रोथ जुलाई में तीन महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. हालांकि अब भी थोक महंगाई 2.04% के पॉजिटिव स्तर पर है. इससे पहले जून में ये 3.36% थी. अगर मंथली बेसिस पर देखें तो WPI में जुलाई में 0.84% की बढ़ोतरी हुई है.
थोक महंगाई के पॉजिटिव बने रहने की वजह फूड आइटम्स के साथ-साथ मिनरल ऑयल, क्रूड पेट्रोलियम-प्राकृतिक गैस और अन्य मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की कीमतों में हुआ इजाफा रहा है. हालांकि इनमें कुछ कैटेगरी में ग्रोथ पहले की तुलना में थोड़ी धीमी हुई है.
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने बुधवार को WPI के आंकड़े जारी किए हैं.
प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई बढ़कर 3.08% पहुंची. पिछले महीने जून में ये 8.8% थी.
WPI फूड इंडेक्स में थोक महंगाई जुलाई में 3.55% रही है, ये जून में 8.68% थी.
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में महंगाई 1.58% बढ़ी. इससे पहले जून में ये 1.43% थी.
ईंधन और बिजली में थोक महंगाई 1.72% बढ़ी, जून में ये 1.03% थी.
सब्जियों, दूध, अंडे, मांस और मछली की कीमतों में आई गिरावट के चलते फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर थोड़ी थमी है. इन आइटम्स में जुलाई में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई है.
'WPI फूड इंडेक्स' में प्राइमरी आर्टिकल्स ग्रुप से 'फूड आर्टिकल्स' और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट ग्रुप से 'फूड प्रोडक्ट' शामिल होते हैं.
इससे पहले जारी हुए आंकड़ों में खुदरा महंगाई 5 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी. जुलाई में खुदरा महंगाई 3.54% रही है. ये अगस्त 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है.