वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने भारत की GDP ग्रोथ में अपने अनुमानों की दोबारा पुष्टि की है और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत को सबसे तेजी से बढ़ी इकोनॉमी बताया है.
वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को प्रकाशित ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पैक्ट रिपोर्ट (Global Economic Prospect Report) में ये टिप्पणियां कीं. बैंक ने कहा, 'अनुमानित तौर पर भारत की ग्रोथ FY24 में 6.3% होगी. भारत अब भी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला देश बना हुआ है, लेकिन कोविड महामारी के बाद होने वाली रिकवरी के अब धीमे होने का अनुमान है.'
जून 2023 में भी वर्ल्ड बैंक ने FY24 में GDP ग्रोथ का यही अनुमान लगाया था. वहीं FY25 में 6.4% और FY26 में 6.5% रहने का अनुमान था.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में इन्वेस्टमेंट में कुछ कमी आएगी, लेकिन अब भी ये ठोस बना रहेगा. इसे पब्लिक इन्वेस्टमेंट की ऊंची दर और बैंकिग जैसे सेक्टर्स में कॉरपोरेट बैलेंस शीट्स की सुधरती स्थिति से भी मजबूती मिलेगी.
प्राइवेट कंजम्पशन ग्रोथ के कम होने की उम्मीद है, क्योंकि महामारी के बाद बढ़ी हुई रिकवरी डिमांड अब अब खत्म हो रही है, साथ ही खाद्य चीजों की कीमतों में महंगाई, खर्च को सीमित कर रही है. खासतौर पर कम आय वाले परिवारों पर ज्यादा असर होगा. इस बीच रिपोर्ट में सरकारी कंजम्पशन के धीरे-धीरे बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.
भारत समेत अन्य दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में आने वाले चुनावों के चलते बनी अनिश्चित्ता प्राइवेट सेक्टर की गतिविधियों को कम कर सकती है, इसमें विदेशी इन्वेस्टमेंट भी शामिल है.
वैश्विक आधार पर देखें तो वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि ग्रोथ FY24 में और धीमी होकर 2.4% पर आ जाएगी. आगे के जोखिमों की बात करें तो मध्य-पूर्व में जारी संघर्ष और बढ़ सकता है, जिसके चलते इससे जुड़े कमोडिटी मार्केट में दिक्कतें आ सकती हैं. इसके अलावा ऊंची ब्याज दरों और ज्यादा कर्ज के चलते वित्तीय तनाव बढ़ सकता है. मौजूदा महंगाई जारी रह सकती है, चीन में उम्मीद से कम गतिविधियां होने की स्थिति के साथ-साथ मौसम से जुड़ी आपदाएं संभावित जोखिम हो सकते हैं.